आदिवासी की जमीन पर प्लाटिंग कर रहे हैं भूमाफिया।
राजस्व अधिकारियों से सांठगांठ कर भू अभिलेख में अपना नाम दर्ज करवाया।
जबलपुर – यूं तो सरकार गरीबों और आदिवासियों के अधिकारों और हितों उनके हितों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध रहती है। इसके बावजूद पुलिस अधीक्षक कार्यालय जबलपुर में कुंडम तहसील के अंतर्गत पड़रिया गंगई ग्राम निवासी शकुन बाई अपनी फरियाद लेकर पहुंची। उनका कहना था कि उनका पूरा परिवार की जमीन को भू माफियाओं द्वारा राजस्व अधिकारियों से सांठगांठ कर अपने नाम करा लिया गया। उस पर अब प्लाटिंग की जा रही है। आदिवासी जाति के कृषि भूमि मौजा पड़रिया जिस का बंदोबस्त नंबर 104 पटवारी हल्का नंबर 6 राजस्व निरीक्षक मंडल इमली विकासखंड कुंडम तहसील कुंडम और जबलपुर जिले के खसरा नंबर 57 जिसका की रकबा 1.17 हेक्टेयर है 223 रखवा नंबर 1.56 है और आवेदिका के अन्य खसरे की भूमि जो राष्ट्रीय राजमार्ग पर स्थित है। उस पर अवैध तरीके से बिना भूमि उपयोग परिवर्तन किए, बगैर सिटी एंड कंट्री प्लानिंग की एनओसी के ही आदिवासी की भूमि को कपट पूर्वक धोखाधड़ी करके हासिल किया गया। पटवारी और राजस्व अधिकारियों से सांठगांठ कर भू अभिलेख में अपना नाम दर्ज करा लिया गया और उस भूमि पर सड़क निर्माण का कार्य किया जा रहा है। प्रशासन से अनुरोध है कि इस कार्य पर तत्काल रोक लगाएं और आवेदिका को राहत प्रदान करें। इस दौरान शकुन बाई का कहना था कि वह उस भूमि पर विगत 50 वर्षों से भी अधिक समय से खेती करते आ रहे हैं। लेकिन एक माह पूर्व अपनी जमीन के पास से गुजरे तो वहां देखा कि जमीन पर प्लाटिंग कर निर्माण कार्य किया जा रहा है। अपने सभी खसरों के सीमांकन के लिए भी आवेदन लगाया है जो कि लंबित है। किंतु इस बीच प्लाटिंग को रोका जाना आवश्यक है। इस दौरान आवेदिका शकुन बाई के साथ गांव के अन्य लोग भी मौजूद रहे। आवेदिका शकुन बाई ने यह आवेदन कमल कुमार जैन, दीपक कुमार साहू, पुरुषोत्तम दास गुप्ता, पूनमचंद प्रधान, शाहमेन, राकेश, के विरुद्ध दिया है। इसके अलावा कमल पिता रूप सिंह जो कि ग्राम पड़रिया गंगई के ही निवासी हैं के विरुद्ध भी आवेदन दिया गया है।