कलेक्टर के समक्ष,फिर उठाई किसानों ने रास्ते के लिए आवाज।
प्रशासन का मौन उसकी मंशा पर बना प्रश्नचिंह
जबलपुर। अपने आपको किसान की हितैषी बताने वाली सरकार वास्तव में किसान का कितना हित करती है। यह अगर आपको देखना है तो साली वाडा गौर चले जाइए। यहां क्राइस्ट चर्च स्कूल की सालीवाडा शाखा द्वारा निर्मित भवन के माध्यम से स्कूल ने किसानों का रास्ता बाधित कर रखा है। स्कूल की बिल्डिंग बनाई गई तो उस रास्ते को कब्जा कर लिया गया। जिस रास्ते को किसान वर्षों से उपयोग करते आ रहे थे मध्य प्रदेश भू राजस्व संहिता कहती है कि। किसी भी सूरत में किसानों का रास्ता बंद नहीं किया जा सकता मगर यहां सारे नियम कानूनों को ताक पर रखकर क्राइस्ट चर्च स्कूल की सालीवाडा शाखा द्वारा मनमानी की जा रही है और किसानों के आने जाने का रास्ता रोक दिया गया है इसे लेकर किसान विगत 2 वर्षों से शासन प्रशासन एसडीएम तहसीलदार और पटवारी तकरीबन सभी जिम्मेदार अधिकारियों के सामने गुहार लगा चुके हैं मगर उनकी समस्याओं का आज तक समाधान नहीं हुआ आज भी एक बार फिर सभी किसान कलेक्ट्रेट की जनसुनवाई में जिलाधीश कर्मवीर शर्मा के पास पहुंचे इसके पहले उन्होंने कलेक्टर भरत यादव से भी गुहार लगाई थी मगर उनसे भी समय रहते इस समस्या का समाधान नहीं हो पाया देखना है आने वाले समय में शर्मा जी इनकी समस्या का समाधान कर पाते हैं या नहीं।
अक्सर होता यही है कि गरीबों और भोले भाले लोगों को नियम कानूनों का हवाला देकर उनकी उम्मीद और उनके हितों का तमाशा बना दिया जाता है आज जबलपुर शहर में भी गौर सालीवाडा के किसानों के साथ ऐसा ही हो रहा है।
ज्ञापन सौंपने वालों में नरेश कुशवाहा और उनके साथी मौजूद रहे कोरोना काल की विषम परिस्थितियों में उन्हें अदालत और प्रशासनिक अफसरों के ऑफिसों के चक्कर काटना पड़ रहा है।
सवाल ये उठता है कि क्या इस देश का कानून और सारी व्यवस्थाएं सक्षम और अमीर लोगों के पक्ष में काम करते हैं आखिर क्यों नहीं इन किसानों की बात सुनी जा रही है और इस पर नियमानुसार कार्रवाई की जा रही है क्या वह अफसर अधिकारी कर्मचारी दंड के पात्र नहीं है जो इन किसानों के हित मैं कदम उठाने की बजाए मामले को टाल रहे हैं।