केजेएस के डायरेक्टर पप्पू अहलूवालिया के नाम की करोड़ो की जमीन
सतना। आयकर विभाग इसे कर चुका था बेनामी घोषित। अहलूवालिया ने अपने चालक सुंदर कोल के नाम पर करोड़ो की जमीन का क्रय विक्रय किया था। आयकर को सुंदर ने बताया था कि उसके नाम से अहलूवालिया ने खाता खुलवा कर चेक में हस्ताक्षर करवा कर अपने पास रख लिया था। इधर आदिवासी की जमीन क्रय मामले में तत्कालीन कलेक्टर ने इस आधार पर अनुमति दी थी कि जमीन की कीमत 7 करोड़ लगभग सुंदर के खाते में जमा की जाएगी। लेकिन ऐसा नही किया गया। इस तरह आयकर द्वारा बेनामी सम्पत्ति और आदिवासी की जमीन के क्रय विक्रय की अनुमति का पालन नही होने पर जिला मजिस्ट्रेट ने अहलूवालिया की करोडों की जमीन का नामांतरण निरस्त कर दिया है। साथ ही इन जमीनों को मध्य प्रदेश शासन के पक्ष में अंतरिम रूप से कुर्क/जब्त कर अभिलेख में दर्ज करने के आदेश अनुविभागीय अधिकारी राजस्व मैहर को दिए हैं।*