जिम्मेदार अधिकारियों की शह पर चल रहा मौत का खेल
पुलिस प्रशासन नियमो को ताक पर रख उड़ा रहा यातायात नियमों की धज्जिया
गाडरवारा। कुछ दिन पूर्व ही हमने अपनी आजादी की 74 वीं वर्षगांठ मनाई है । हर बार यह मंथन अवश्य करते हैं कि आजादी के बाद देश के विकास को गति क्यों नहीं मिल पाई । हमारा दुर्भाग्य ही है कि हमारे अपने ही वे जिम्मेदार लोग जिनके कांधों पर विकास की जिम्मेदारी होती है वे ‘‘अपना हिस्सा’’ पाने के चक्कर में भ्रष्टाचार का नया गणित बना लेते हैं। कभी आटे में नमक की तरह प्रारंभ हुआ यह सिलसिला आज ‘‘नमक में आटे’’ के रूप् में शामिल होता दिखाई देने लगा है । कोरोनकाल में भी कोरोना वारियर्स के रूप में दिन रात काम करने वाली पुलिस ने कोरोना वारियर्स बनकर दिन रात अपनी सेवाएं दी है व जनता का भी पुलिसकर्मियों को पूरा समर्थन मिला है लेकिन लॉक डाउन खुलते ही अवैध धंधों की धड़ पकड़ तेज हो गई है इसी कड़ी में नरसिंहपुर जिले व गाडरवारा की पुलिस दर्जनों रेत से भरे डम्फरों ट्रकों व ट्रैक्टरों को पकड़ने का कार्य कर रही है जिससे अवैध धंधों में लगाम लग सके और ओर यातायात व्यवस्था सुचारू रूप से पटरी पर चलती । देश में जब कोई व्यक्ति किसी परेशानी में होता है तो वह पुलिस के पास जाता है और अधिकारियों से न्याय मांगता है व न्याय की गुहार लगाता है । संशोधित वाहन अधिनियम लागू हो गया है. पूरे भारत में लागू इस अधिनियम को कड़ाई से पालन कराया जा रहा है. इस अधिनियिम को पालन कराने में अहम जिम्मेदारी पुलिसवालों की है, लेकिन क्या खुद पुलिसवाले इस नियम को मान रहे हैं ? क्या उन्हें यातायात नियमों को मानने से गुरेज है ?
शहर की यातायात व्यवस्था पर लगा ग्रहण
वर्तमान में शहर की यातायात व्यवस्था फिर से पुराने ढर्रे पर लौट आई है । पुलिस अनलॉक प्रारंभ होने के बाद पहले जैसी सक्रिय नहीं है । लॉकडाउन के दो माह से अधिक समय तक शहर की यातायात व्यवस्था बेहतरीन रही । ऐसा इसलिए क्योंकि लॉकडाउन के दौरान न के बराबर वाहन चले । शहर की पुलिस भी इस दौरान अपनी भूमिका में रही । अब अनलॉक के प्रारंभ होने से आम लोगों को विभिन्न प्रकार की छूट मिल चुकीं है । बिना पास के कहीं भी आने जाने की छूट मिलने के बाद शहर की यातायात व्यवस्था बिगड़ती जा रही है । यही वजह है कि शहर में जगह-जगह जाम लग रहा है व जाम की स्थिति पैदा हो रही है । सुबह से लेकर रात तक शहर के मार्ग वाहनों की बेतरतीब पार्किंग से घिरे रहते हैं ।
शहर की यातायात व्यवस्था चल रही राम भरोसे !
वहीं बात करे गाडरवारा थाने के सामने सड़क पर खड़े बड़े बड़े हाइवा वाहनों की तो गाडरवारा शहर के बीचों बीच पलोटन गंज में रेत चोरी या अन्य मामलों में जप्ती किये गए वाहनों को गाडरवारा थाने के सामने सड़क पर भारी वाहनों के खड़े होने से लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है । किनारे खड़े बेतरतीब वाहन लोगों के लिए परेशानी का सबब बन गए हैं। बेतरतीब खड़े वाहनों से इस सड़क पर दिन के समय कई बार यातायात बाधित रहता है। इसके चलते यातायात बाधित होता ही है , पैदल चलने वालों को भी परेशानी उठानी पड़ती है । पुलिस यातायात शाखा व प्रशासन की अनदेखी के चलते इस मार्ग पर लंबे समय तक वाहन खड़े रहते है। यह मार्ग शहर का व्यस्तम मार्ग है । जिसके चलते वाहनों की रेलम-पेल लगी रहती है । वहीं झण्डा चौक , स्टेशन रोड या अन्य गांव व शहर के प्रमुख स्थानों को जाने के लिए भी इसी मार्ग का उपयोग होता है । सड़क पर वाहनों के खड़े होने से जाम के हालात बन जाते है । यह समस्या सुबह ओर देर शाम को गंभीर हो जाती है । इस समस्या को लेकर लोग वाहन चालकों में तू तू मैं मैं होती रहती है।
वाहनों को सड़क किनारे से हटाने को लेकर लगातार हो रही आवाज बुलंद
गौरतलब है कि इस सम्बंध में हमेशा से ही आवाज बुलंद होती रही है लेकिन अधिकारियों का मौन रहना शहर की जनता को रास नही आ रहा है । अधिकारी मानो कुम्भकर्ण की नींद सोये हों । लगातार जबलपुर दर्पण द्वारा अधिकारियों को इस सम्बंध में अनेको बार अवगत कराया गया लेकिन मानो अधिकारियों के कानों में जू तक नही रेंगती । मानो प्रशासन को किसी बड़े हादसे का इंतजार है वही अधिकारियों की चुप्पी भी कई सवाल खड़े करती है ।