देवी देवताओं को जातियों में बांट कर सरकार कर रही है, भेदभाव
विश्वकर्मा पूजा 17 सितम्बर को राष्ट्रीय अवकाश घोषित करे सरकार:जयदेव विश्वकर्मा
सतना। ऑल इंडिया यूनाइटेड विश्वकर्मा शिल्पकार महासभा के तत्वावधान में राष्ट्रीय अध्यक्ष अशोक कुमार विश्वकर्मा के नेतृत्व में चलाए जा रहे सरकार जगाओ स्वाभिमान बचाओ आंदोलन के तहत ऑल इंडिया यूनाइटेड विश्वकर्मा शिल्पकार महासभा रीवा संभाग प्रभारी जयदेव विश्वकर्मा ने अपने एक बयान में कहा है कि देवी- देवताओं महापुरुषों एवं राजनेताओं को भी जातियो में बांट कर सरकार भेदभाव कर रही है। उन्होंने कहा कि अनेक देवी, देवताओं, धर्मगुरुओं, महापुरुषों, स्वतंत्रता सेनानियों और राजनेताओं के नाम पर उनके सम्मान में राष्ट्रीय एवं राजकीय अवकाश घोषित है, तो देव शिल्पी भगवान विश्वकर्मा के नाम पर उनके सम्मान मे अवकाश के सवाल पर सरकार भेदभाव और उपेक्षा क्यों कर रही है। उन्होंने कहा कि सृजन के देवता विश्वकर्मा किसी जाति विशेष वर्ग एवं समूह की सीमा में सीमित नहीं हैं। वह सभी जाति धर्म एवं समूह के द्वारा सर्वत्र पूजित हैं। पौराणिक शास्त्रों, उपनिषदों और ग्रंथों के अनुसार देव शिल्पी भगवान विश्वकर्मा ने देवताओं और मानव जाति के कल्याण तथा विकास में अविस्मरणीय योगदान किया है। यह एक ऐसे देवता हैं जिन्होंने किसी से कुछ मांगा नहीं कुछ लिया नहीं और सदैव निर्विवादित रहे हैं। भगवान विश्वकर्मा करोड़ों विश्वकर्मा वंशीयो केआस्था संस्कृति गौरव और स्वाभिमान के प्रतीक है। विश्वकर्मा पूजा का अवकाश रद्द करके सरकार आस्था पर कुठाराघात तथा पहचान मिटाने का षड्यंत्र कर रही है।उन्होंने कहा देवी देवताओं के नाम पर सरकार की ओर से किया जा रहा भेदभाव असमानता और अन्याय का द्योतक है। मौजूदा सरकार में जातीय आधार पर सर्वाधिक भेदभाव और उत्पीड़न हो रहा है। जिसका परिणाम आगामी विधानसभा चुनाव में स्पष्ट रूप से दिखाई पड़ेगा। विश्वकर्मा पूजा अवकाश के लिए समाज दृढ़ संकल्पित है,जब तक अवकाश घोषित नहीं होगा संघर्ष जारी रहेगा।