धवैया में बहेगी विकास की गंगा
सतना। स्थानीय निकायों का कार्यकाल समाप्त होते ही नए चुनावों की पदचाप सुनाई देने लगी है । इन नए चुनावों की आहट से स्थानीय स्तर पर नए नेतृत्व का भी उदय होने लगा है ।
जिले में हर ओर नए नेतृत्व के उभरने से अब अनेकों चेहरे ग्रामीणों को लुभाने तक ठोक रहे है । हालांकि इनमें बहुतेरे ऐसे भी है जो केवल अपनी वजनदारी जानने हवा बना रहे है । वहीं अनेक ऐसे भी है जो ठोस कार्ययोजना के साथ अपनी दावेदारी प्रकट कर रहे है । इनमे से चंद चेहरों को हम आगामी चुनाव में ग्राम विकास का सपना लिए संघर्ष करते देखेंगे ।
ऐसा ही एक चेहरा है रीवा जिले की मनगवां तहसील के ग्राम सथिनी- धवैया का बृजेन्द्र मीनू मिश्रा । अगर बृजेन्द्र के बारे में बात की जाय तो वो धवैया ग्राम के मूल निवासी है और जन्म से ही यहां निवासरत है । वो पंचायत चुनाव के लिए ग्राम में सरपंच पद के लिए सबसे चमकदार उभरता सितारा साबित होंगे । इसका कारण यह है कि उनमें युवा जोश कूट कूटकर भरा है ग्राम के युवा साथियों में खासे लोकप्रिय भी है और पत्रकारिता जगत में 12 वर्षों का लंबा अनुभव भी रखते है ।
पत्रकारिता जगत का लंबा अनुभव उन्हें अन्य उम्मीदवरों से कहीं मीलो आगे कर देता है । बताया जाता है कि पत्रकार जगत के अनुभव से उन्हें ग्राम विकास कि सभी योजनाओं की अच्छी खासी जानकारी भी है और काम कैसे होते है यह भी ज्ञात है । साथ ही वो नेतानगरी में परिचय और पकड़ भी रखते है । बस जरूरत है तो उन्हें ग्राम की कमान सौपाने की । धवईया के युवाओं का मानना है कि अबकी बार किसी युवा को ही मौका मिले तो शायद ग्राम को विकास पथ पर लंबे डग भरने से कोई ताकत नहीं रोक सकती ।
युवा जोश के साथ अनुभव का मिश्रण कम ही देखने को मिलता है । यहां बृजेन्द्र के साथ दोनों ही खूबियां एक साथ विराजमान है । बताया जाता है कि बृजेन्द्र युवा होने के साथ साथ लंबे समय से पत्रकारिता जगत से जुड़े है । प्राप्त जानकारी के अनुसार शिक्षा पूरी कर हर युवा की भांति बृजेन्द्र ने ग्रामीण परंपरानुसार रोजगार की तलाश में महानगर का रुख किया लेकिन महानगर की चकाचौंध में गांव की मिट्टी को नहीं भूले । थोड़े से संघर्ष के बाद अल्प समय में ही पत्रकारिता जगत में अपने पांव मजबूती से जमा लिए । जबलपुर शहर के लिए भी आज बृजेन्द्र मिश्रा का नाम किसी पहचान का मोहताज नहीं रह गया है । टीम नेतृत्व करने की योग्यता उनमे बचपन से ही भरी थी चाहे स्कूल ,कॉलेज हो क्योंकि बचपन से ही हमेसा अपने स्कूल,कॉलेज,में भी क्लास लीडर के रूप में छात्र नेतृत्व करते थे इसी का परिणाम है कि आज वो एक प्रमुख अखवार में भी टीम नेतृत्व कर रहे हैं।काफी समय से बाहर शहरी क्षेत्रों में लंबे समय तक काम करने के साथ उन्होंने देखा है कि कैसे एक गतिमान नेतृत्व अपनी जोश और ऊर्जा से 5 वर्षों से भी कम समय में ही क्षेत्र का कायापलट भी कर देता है । बताया जाता है कि जहा गाव से शहर आया युवा सफलता के दीदार होते ही गांव और ग्रामीण जीवनशैली तथा ग्रामीण साथियों को भुला देता है वहीं बृजेन्द्र ने अपने रिस्तेदार,परिवार,समाज व गांव से शहर आनेवाले हर जरूरतमंद की मदद की । चाहे किसी को चिकत्सा के लिए जरूरत थी या शिक्षा के लिए गांव से आए हर व्यक्ति ने बृजेन्द्र को अपने मदद के लिए तत्पर पाया । किसी को ब्लड चाहिए तो , किसी को हॉस्पिटल में घर का खाना,या किसी को हॉस्पिटल का बिल कम करवाना,या किसी को डॉक्टर से आपातकालीन सेवा,या फिर घर की दलिया -दाल,आदि चाहिए तो या फिर किसी ग्रामीण छात्र को परीक्षा दिलाना सेंटर पहुंचना हो बृजेन्द्र ने अपने 50 जरूरी काम छोड़ सदैव तत्पर खड़े रहे । वहीं सामाजिक कार्यक्रमों में भी उन्होंने बढ़चढ़ कर साथ निभाया है ।
यहाँ यह भी उल्लेखनीय है कि न केवल बृजेन्द्र बल्कि उनकी जीवन संगिनी मीनू भी उतनी ही सेवाभावी है । बृजेन्द्र के हर कदम पर कंधे से कंधा मिलाकर साथ दिया है । उन्हें भी जब किसी के कष्ट का पता चला या ये जानकारी लगी कि फला व्यक्ति को जबलपुर के किसी हॉस्पिटल में परहेजी भोजन चाहिए न दिन देखा न रात न सुबह न शाम , न गला देने वाली ठंड की परवाह की न झुलसा देने वाली गर्मी की । सीधे रसोई का रुख कर गांव से आए पीड़ित की मदद में पति को भरपूर सहयोग किया ।हमारे सम्बाददाता ने जब बृजेन्द्र से इस विषय में बात की तो उन्होंने कहा कि गांव बाले जो इतना प्यार और विश्वास कर रहे हैं ये माँ, बाप और हमारे दादी माँ का एवं गांव के सभी बड़ो का आशीर्वाद है साथ ही सभी छोटों का स्नेह इसके साथ ही उन्होंने कहा कि बजरंगवली का आशीर्वाद है इसी का परिणाम है कि लोग मुझे इस काबिल समझ रहे हैं।
उन्होंने यह भी विश्वास दिलाया कि हम अपने लोगों के भरोसे की कद्र करते हुए अपने गांव को सहर की तर्ज पर हर क्षेत्र में चाहे वो,शिक्षा,चिकित्सा,सड़क,पानी,शौचालय,इन सभी क्षेत्र में जहाँ हमारा गांव पिछड़ा महसूस कर रहा है आने बाले कुछ ही सालों में ये मूलभूत सुविधाएं जरूर मुहैया कराएंगे ये वादा है हमारा।
हमारी सर्वे टीम ने जब ग्राम का दौरा कर हकीकत जानने का प्रयास किया तो युवा तो क्या बुजुर्गो एवं माताओं ने भी एक स्वर एक मत से बृजेन्द्र का नाम लिया । ग्रामीणों का कहना था कि यदि बृजेन्द्र मिश्रा चुनाव मैदान में उतरे तो जीत लगभग निश्चित है हम सभी उनके साथ कंधे से कंधा मिलाकर चुनाव में न केवल जीत दर्ज करेंगे बल्कि ग्राम पंचायत सथिनी-धवैया को विकास पथ पर अग्रसर करने में सहयोग देंगे ।
मात्र 5 वर्षों में पंचायत जिला , प्रदेश के बाहर राष्ट्रीय स्तर पर पहचान बना पाएगी । ग्रामीणों ने बृजेन्द्र से मातृभूमि के लिए कुछ कर गुजरने की अपील करते हुए कहा है कि बेटा भैया बाहर रह कर बहुत कम समय में अच्छा ज्ञान और अनुभव कमा लिए हो अब इसका उपयोग अपने मात्रभूमि का विकास के लिए करो और मातृभूमि का कर्ज उतार ग्राम को विकसित बना दो ताकि आनेवाली पीढ़ी को ग्राम में ही शिक्षा रोजगार आदि मिल सके साथ ही ग्राम में सभी मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध हो।