प्रधानमंत्री से राहत पैकेज की मांग की गई
उमरिया। कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए सरकार ने सुरक्षा की दृष्टि से पूरे देश मे लॉक डाउन कर दिया गया था जिसकी वजह से छोटे रोजगार धंधे व्यापार से जुड़े लोगों को आर्थिक समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है जिसको लेकर केंद्र सरकार और राज्य सरकार ने अलग अलग राहत पैकेज की घोषणा की है। वही सरकार के द्वारा किए गए लॉकडाउन की वजह से बांधवगढ टाइगर रिजर्व के पर्यटन से जुड़े जिप्सी चालक और गाइड का काम कर रहे लोगो की हालत बेहद खराब हुई है जिस पर महाराजा पुष्पराज सिंह जी ने देश प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर इन जिप्सी चालक ,जिप्सी मालिक पार्क में पर्यटन के क्षेत्र में काम कर रहे गाइडो की सहायता की मांग की है ।बाघो की संख्या में इजाफा और वन दर्शन में पर्यटन के अच्छे अवसर की वजह से मध्यप्रदेश को टाइगर स्टेट का दर्जा तो मिल गया लेकिन यहाँ के टाइगर रिजर्व में पर्यटन से जुड़े जिप्सी चालक और गाइड की हालत आर्थिक रूप से कोरोना काल के लॉक डाउन की वजह से खराब हो गई देश के मुखिया ने सभी वर्गों के लोगो के लिए पैकेज की घोषणा की है लेकिन टाइगर रिजर्व के पर्यटन क्षेत्र से जुड़े इन लोगो को किसी प्रकार की राहत नही दी गई है । जब टाइगर रिजर्व में पर्यटन का समय था और पर्यटकों की आवाजाही की वजह से पर्यटन से जुड़े व्यवसायी और कामगारों को दो पैसे का लाभ होता उस समय पूरे देश मे लॉक डाउन लग गया जिसकी वजह से टाइगर रिजर्व बंद हो गया और पर्यटन भी बन्द हो गया पर्यटन के क्षेत्र में काम कर रहे लोग बेरोजगार हो गए और इस पूरे लॉक डाउन समय मे जिप्सी चालक गाइड सभी घर मे ही बैठे रहे एवं रोजगार का अन्य दूसरा साधन ना होने की वजह से भुखमरी की कगार पर आ गए है। वही कई लोगो ने पार्क में व्यवसाय के लिए जिप्सी वाहन भी कर्ज में लिया था उसका भी कर्ज बढ़ रहा है एवं प्राइवेट फाइनेंस कंपनियों ने पूरे लॉक डाउन में क़िस्त ली है जिससे और भी कर्जे में जिप्सी मालिक हो गए है । इसके विरोध में रीवा महाराजा पुष्पराज सिंह जी की अगुवाई में बांधवगढ टाइगर रिजर्व के क्षेत्र संचालक और अनुविभागीय अधिकारी मानपुर को प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौपा है जिसमे जिप्सी चालक एवं समस्त गाइड ने मिलकर प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर सहायता की मांग की है की इस लॉक डाउन के कारण पार्क से जुड़े लोगों की हालत खराब और नाजुक है वही जिप्सी चालक और गाइडो का कहना है कि हमारी समस्या को भी ध्यान में रखते हुए हमें भी राहत पैकेज की घोषणा की जाए और हमे प्रदान की जाए जिससे हम भी अपना भरण पोषण कर सके।