मंत्री कावरे ने गौमाता को रक्षासूत्र बाँध कर गौरक्षा का लिया संकल्प
वारासिवनी गौशाला को हर संभव मदद, कहा गौ तस्करों की खैर नहीं

बालाघाट। मप्र शासन के गौभक्त राज्यमंत्री आयुष स्वतंत्र प्रभार एवं जल संसाधन रामकिशोर “नानो” कावरे ने रक्षाबंधन के पावन अवसर पर जिले के वारासिवनी स्थित गौशाला में गौमाता को रक्षासूत्र बांधकर गौरक्षा का संकल्प लिया। गौशाला में पशुधन का बारी, बारी से दर्शन कर पूजन किया। उन्होंने गौमाता का आशीर्वाद लेते हुए गौशाला प्रबंधन को हर संभव मदद करने का आश्वासन दिया। वहां चर्चा के दौरान मंत्री श्री कावरे ने कहा कि बालाघाट जिले के सीमावर्ती राज्य महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ में गौवंश तस्करी के बड़े नेटवर्क होने का अंदेशा है। जिसकी परत दर परत खोलने के लिए संकल्पित हूँ। कड़ी में गोवंश के गोरखधंधे करने वालों को धरदबोचा जा रहा है। आमजन, जिला पुलिस बल और गौ सेवकों की मदद से सैकड़ों की तादाद में गौवंश बरामद किए जा रहे हैं। यह सिलसिला निरंतर जारी रहेगा इसकी हिदायत पुलिस प्रशासन को दे दी गई है। जब तक तस्करी किए गए गौवंश और तस्कर पकड़े नहीं जाते तब तक हम सब चैन की सांस नहीं लेंगे। हमारी सरजमी से गौ तस्कर अपना बोरिया बिस्तर बांध ले वरना उनकी खैर नहीं। आशय की जानकारी देते हुए मीडिया प्रतिनिधि हेमेन्द्र क्षीरसागर ने बताया कि इस अवसर पर गौशाला परिवार के पदाधिकारी, गौसेवक, गणमान्यजन और प्रशासनिक अमला सहित अन्य लोगों का उल्लेखनीय योगदान रहा।
गोपालक बनने में हैं बड़प्पन: रामकिशोर कावरे
आगे मंत्री रामकिशोर कावरे ने गौवंश के महत्त्व को रेखांकित करते हुए कहा कि गाय को धन मानने की परंपरा भारत के प्राणपण में आज भी कायम है। ऐसा धन जो मोक्ष प्राप्ति में सहायक हो क्योंकि इस धन से ही हमें सात्विकता, कांति मिलती है और आत्मिक आनंद मिलता है। इसलिए भारत का प्रत्येक नागरिक प्राचीन काल से गोपति या गोपालक बनने में अपना बड़प्पन मानता आ रहा है। आज भी गोपाल नाम हमारे यहां रखा जाता है। गाय का घी, मूत्र, गोबर दूध और दही सभी बहुत उपयोगी होता है। गौमाता हमारी जन्मदायिनी मां समान पालन वाली मां है। इनकी रक्षा और पालन की जिम्मेदारी हमें मिल जुलकर निभानी होगी। तभी मानव कल्याण और देश का विकास परिलच्छित होगा।