मानव तस्करों का मण्डला में चल रहा जलवा
नहीं थम रही तस्करी की घटनाएं, सरकार की बेहोशी का परिणाम
मण्डला। आखिरकार मानव तस्करी की घटनाएं प्रदेश के मण्डला जिले में बंद नहीं हो पा रही हैं। काम के बहाने श्रमिकों को बाहर ले जाया जा रहा है और इसकी सही जानकारी ग्राम से लेकर जिलास्तर तक नहीं रखी जा रही है। मजदूरों का पलायन भी नहीं रोका जा रहा है। यही वजह है कि मानव तस्करी की घटना दिनों दिन बढ़ती जा रही है। लगभग चौथी बार मण्डला जिला प्रशासन द्वारा निर्देश जारी किये गये हैं कि तस्करी की घटनाओं पर रोक लगाने के लिए सतर्कता बरती जाए। बाहर जाने वालों के नाम संधारित किये जाएं। लेकिन सिर्फ निर्देश जारी किये जा रहे हैं निर्देशों का सही पालन मण्डला जिले में नहीं किया जा रहा है। ज्ञात हो कि मण्डला आदिवासी बाहुल्य जिला है यहां पर मानव तस्करी कई रूप में सामने आ रही है। निरक्षरता और जागरूकता की कमी की वजह से वयस्क ही नहीं बल्कि नाबालिग भी मानव तस्करी के घटनाओं का शिकार हो रहे हैं। कभी दूरस्थ ग्रामीण इलाकों के दर्जनों महिलाओं एवं पुरूषों को बंधक बनाने तो कभी ग्रामीण अंचलों के बालक-बालिकाओं के गुम होने की खबरें लगातार आ रही हैं। पिछले दिनों बिछिया, घुघरी और मोहगांव थाना क्षेत्रों से नाबालिगों के गुम होने की खबर मिली थी। पुलिस ने नाबालिगों को 23 घण्टे के अंदर तलाश कर परिवार के सुपुर्द किया। इस तरह से मानव तस्करी की घटनाएं घट रही है जो जानकारी में आ रही है बाकी ऐसी कई घटनाएं होती होंगी जो सार्वजनिक नहीं हो पा रही है लेकिन यह तय है कि मानव तस्करी की घटनाएं जोर शोर से चल रही हैं जिस पर शासन प्रशासन के द्वारा कड़ाई से रोक लगाने के लिए वे सभी तरीके की कार्यवाही पूरी नहीं की जा रही है जो किया जाना चाहिए। जनापेक्षा है सरकार जागे और मानव तस्करी की घटनाओं पर स्थायी रूप से रोक लगाए।