राम मंदिर के सामने क्यों बनाई गई दीवार।
रेलवे को 72 घंटे का अल्टीमेटम।
जबलपुर। नौकरशाही अक्सर अपने कारनामों से चर्चा का विषय बनी रहती है। और कई बार तो विवाद भी खड़े हो जाते हैं।
ऐसा ही एक विवाद खड़ा हुआ है, कटनी रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर एक पर बने साठ साल पुराने, राम मंदिर के सामने बनाई गई दीवार को लेकर।
पहला सवाल तो यह कि अधिकारी अब तक यह स्पष्ट नहीं कर पाए हैं। कि आखिर राम मंदिर के सामने दीवार बनाने का क्या औचित्य था। बार-बार ज्ञापन देने के बावजूद उस दीवार को हटाने के लिए कोई पहल नहीं कर रहे हैं।
इस बात को लेकर लोगों में और उत्तिष्ठ भारत संगठन में आक्रोश है। उन्होंने इसी आक्रोश के साथ रेलवे के जीएम को ज्ञापन सौंपा। जिसमें उन्होंने कहा है कि यदि 72 घंटे के अंदर इस विषय में कोई निर्णय नहीं लिया। तो रेलवे के सभी अधिकारियों का घेराव किया जाएगा।
उत्तिष्ठ भारत संगठन की तरफ से बोलते हुए सुमित सिंह ने कहा कि हमने रेलवे के अधिकारियों को नियत समय सीमा के भीतर दो विकल्प दिए हैं। पहला ये कि मंदिर के सामने से दीवार हटा लें या फिर दीवार को तोड़कर मंदिर में आने जाने का रास्ता सामने से दें। इस अवसर पर संगठन के प्रदेश अध्यक्ष सुमित सिंह, संगठन मंत्री थानेश्वर गोले, प्रदेश उपाध्यक्ष प्रदीप मिश्रा, प्रांत अध्यक्ष युवा परिषद सतीश यादव, प्रांत अध्यक्ष तापस सरकार, जिला अध्यक्ष रतनीष ठाकुर, नगर अध्यक्ष पवन तिवारी, विभाग अध्यक्ष लक्ष्मण पटेल के साथ सीमित संख्या में संगठन के कार्यकर्ता मौजूद रहे।