रेत नाका अब संत शिरोमणी भूराभगत के नाम से जाना जायेगा
जबलपुर। पुण्य सलिला माँ नर्मदा के गौ कुम्भ प्रवेश द्वार ग्वारीघाट के प्रवेश द्वार के समीप रेत नाका का नामकरण कतिया समाज के संत शिरोमणी भूराभगत जी महाराज के नाम पर किया गया। जिसकी घोषणा के साथ ही चैक पर शिलापट्ट का अनावरण म.प्र. शासन के वित्तमंत्री माननीय तरूण भनोत जी के द्वारा किया गया उन्होंने अपने उद्बोधन में स्पष्ट उल्लेख किया कि कतिया समाज के लोग बहुत ही सरल और अपने कार्य के प्रति समर्पित तथा लगनशील होते है और मैने उनसे यह सीखा है, कि समर्पित भाव से कैसे काम किया जाता है । इस बात पर उन्होंने कतिया समाज महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष एस.एच. महले जी और उनकी टीम की भूरी भूरी प्रषंसा की और खुषी जाहिर करते हुये कहा कि इस संबंध में भविष्य में इससे भी अधिक जो भी आवश्यकता पड़ी तो मैं पूरा योगदान दूंगा और नगर निगम के संबंधित अधिकारियों को मंच से संत शिरोमणी भूराभगत जी महाराज चैक के निर्माण एवं विकास हेतु निर्देशित किया । एच.एस. महले जी के अनुरोध पर उन्होंने भूराभगत धाम में मंदिर के गुब्बज एवं अन्य कार्यों को कराने हेतु भी संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया ।
माननीय मंत्री महोदय तरूण भनोत जी के अलावा राष्ट्रीय अध्यक्ष एच.एस. महले एवं कतिया रत्न एस.एस. रसिक जी तथा सतीष नागवंशी ने भी सभा को संबोधित किया । कार्यक्रम का सफल संचालन महासंघ के राष्ट्रीय महासचिव बलराम बेलवंशी द्वारा एवं पी.एल. भोर द्वारा आभार व्यक्त किया गया। इस कार्यक्रम को सफल बनाने में अपने योगदान देने वालों में प्रमुख रूप से के.आर. ब्रम्हे, राकेश नाग, वीरेन्द्र गौतम और कमेश सूर्यवंशी, गोविंद नागवंशी, सुनील डोंगरे, बलराम डोंगरे, दिलीप भोर का कार्य सराहनीय रहा । इस अवसर पर दूरदराज से आये समाजिक एवं गणमान्य नागरिक आदि उपस्थित रहे ।