विकास का माडल बनाने लगाया जोर
निर्माण एजेंसियों ने अरमानों पर फेर दिया पानी पिछले पंद्रह सालों में नजर आया बदलाव
रवि शंकर पाठक की रिपोर्ट
रीवा। इसमें कोई दोराय नहीं है कि समस्याओं के दलदल में फंसे विंध्य प्रदेश के संभागीय मुख्यालय रीवा में वास्तविक विकास को धरातल पर उतारने का काम भाजपा सरकार ने किया है।
हमारे रीवा को विकास का माडल बनाने के लिए मध्यप्रदेश शासन के पूर्व मंत्री और रीवा विधायक राजेंद्र शुक्ल ने हर संभव प्रयास जरुर किया है। संभागीय मुख्यालय रीवा को एक अलग पहचान देने के लिए पूरी प्राथमिकता के साथ बड़े बड़े प्रोजेक्ट स्वीकृत करवाने में रीवा विधायक का योगदान कभी भूलाया नहीं जा सकता।
बस गड़बड़ी इतनी जरुर हो गई कि जिन प्राईवेट एजेंसियों पर भाजपा सरकार ने भरोसा जताया था, उन्होंने ही विकास को आम जनता के लिहाज से कष्टदायक बना दिया।
सही तरीके से जिम्मेदारी का निर्वहन ईमानदारी के साथ न किए जाने की वजह से संभागीय मुख्यालय रीवा का नक्शा ही पूरी तरह बदल गया।
भाजपा सरकार ने निरंतर तीन पंचवर्षीय के दौरान विंध्य प्रदेश के रीवा में सबसे अधिक विकास कार्य करवाए हैं। पूर्व मंत्री और रीवा विधायक राजेंद्र शुक्ल ने शासकीय इंजीनियरिंग कॉलेज रीवा से इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल की है।
उन्होंने अपने अनुभव के साथ रीवा को जमीनी स्तर पर विकसित कराने का पूरा प्रयास किया। पंद्रह सालों के दौरान पूर्व मंत्री ने विकास विकास को अपनी सबसे बड़ी जिम्मेदारी समझी।
इस दौरान अमृत योजना के तहत पेयजल आपूर्ति व्यवस्था, सीवरेज प्रोजेक्ट, नवीन नाला निर्माण, न्यू सरदार वल्लभ भाई पटेल बस स्टैंड, कृष्णा- राजकपूर आडिटोरियम, रानी तालाब पार्क सहित महत्वपूर्ण कार्यों को संभव बनाया।
रीवा में सही तरीके से बड़े बड़े प्रोजेक्ट का काम सही तरीके से न कराए जाने की वजह से आम जनमानस की परेशानियां जरुर बढ़ गई है।
कुल मिलाकर रीवा को विकास रुपी माडल बनाने के लिए पूर्व मंत्री और रीवा विधायक राजेंद्र शुक्ल ने जोर बहुत लगाया पर निर्माण एजेंसियों ने के नाकारापन की वजह से आम जनता के अरमानों पर पानी फिर गया।
न्यू बस स्टैंड, राजकपूर आडिटोरियम, फ्लाईओवर मिला
भाजपा सरकार के पिछले पंद्रह सालों में रीवा के विकास पर पूरी प्राथमिकता के साथ काम किया गया है। सरदार वल्लभ भाई पटेल न्यू बस स्टैंड समान की सौगात मिलने से बस आपरेटर्स के साथ साथ मुसाफिरों को आवागमन के दौरान होने वाली परेशानी का निदान हो गया। मौजूदा दौर में संभागीय मुख्यालय में एक और बस स्टैंड की आवश्यकता जरुर महसूस होने लगी है। इसी तरह सांस्कृतिक आयोजनों को लेकर रीवा में व्यवस्थित मंच का बेसब्री से इंतजार था। शहर के सिरमौर चौराहे के पहले संगीतमय आयोजनों के लिए कृष्णा राज कपूर ऑडिटोरियम का निर्माण कार्य करवाया गया। इसका फायदा आयोजनों से जुड़े लोगों को बराबर मिलने लगा है। संभागीय मुख्यालय के मध्य गुजरने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग पर समय के साथ यातायात का भारी दबाव बढ़ने लगा। लोगों की समस्या को देखकर पूर्व मंत्री राजेंद्र शुक्ल ने पं यमुना प्रसाद शास्त्री फ्लाईओवर का निर्माण कार्य कालेज चौराहे से आगे और शासकीय पीके कन्या स्कूल तक करवाया गया। वहीं नये बस स्टैंड समान की तरफ रीवा के दूसरे फ्लाईओवर का निर्माण कार्य जारी है।
पेयजल योजना कारगर, सीवरेज प्रोजेक्ट ने रुलाया
भाजपा सरकार के पिछले पंद्रह साल के दौरान आम जनता से जुड़ी सुविधाओं को विस्तारित किया गया। केंद्र सरकार के अमृत योजना ने संभागीय मुख्यालय रीवा में पेयजल आपूर्ति को आबादी के हिसाब से विकसित करने की दिशा में बेहतर काम करवाया गया। रीवा शहर के अनंतपुर में बनवाया गया। इसके साथ ही रानी तालाब और कुठुलिया फिल्टर प्लांट को अपग्रेड किया गया। मध्य प्रदेश के इंदौर की सीएम आर कंपनी को पेयजल आपूर्ति व्यवस्था से जुड़े काम का जिम्मा सौंपा गया था। टाइम लिमिट का ख्याल रखते हुए एजेंसी ने टारगेट को पूरा किया, पांच साल तक मेंटीनेंस का काम सीएम आर कंपनी रीवा में बराबर कर रही है। रीवा शहर को जलभराव से निजात दिलाने के लिए अमृत योजना के तहत सीवरेज प्रोजेक्ट की स्वीकृति मिल गई। शासन स्तर से दिल्ली की केके स्पंज लिमिटेड कंपनी को सीवरेज का ठेका दिया गया। उसी बेलगाम एजेंसी ने रीवा शहर की सभी कालोनियों का हुलिया इतना खराब कर दिया गया। जिसके कारण सही सलामत पैदल चलना तक जन जन के लिए दुश्वार हो गया है। राष्ट्रीय राजमार्ग सहित तमाम कालोनियों की सड़कों पर जानलेवा गड्ढों की सौगात जरुर बराबर नजर आती है। प्रोजेक्ट की टाईम लिमिट तीन वर्ष बीतने के बाद भी यह अति महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट केवल 25-30% ही किसी तरह पूरा हो पाया है। शासन ने बेलगाम केके स्पंज लिमिटेड कंपनी दिल्ली को एक साल का एक्सटेंशन जारी कर दिया है। सूत्रों की मानें तो सीवरेज प्रोजेक्ट पूरा होने में उससे कहीं ज्यादा समय लगेगा। इसी तरह से रीवा शहर के चिंहित जलभराव वाले स्थानों पर बीस करोड़ रुपए की लागत से नवीन नालों का निर्माण कार्य करवाने का ठेका लोकल ठेकेदार को दिया गया। जिसमें गुणवत्ता की धज्जियां उड़ाते हुए नाला निर्माण को अंजाम दिया गया, इस वजह से कालोनियों में पानी भरने की समस्या आए दिन बन जाती है। पिछले पंद्रह सालों के दौरान ही रीवा में सुविकसित कलेक्ट्रेट भवन का निर्माण कराया गया है। भाजपा सरकार की तीन पंचवर्षीय में पूर्व मंत्री और रीवा विधायक राजेंद्र शुक्ल ने रीवा विधानसभा क्षेत्र में जमीनी विकास संभव बनाने के लिए पूरी ताकत लगाकर जिम्मेदारी के साथ काम किया है, लेकिन विभिन्न प्रोजेक्ट की जिम्मेदारी जिन कंपनियों को भाजपा सरकार ने सौंपी उन्होंने ही अपनी मनमानी और लापरवाही के कारण संभागीय मुख्यालय रीवा शहर को जनसमस्याओं का अखाड़ा बना दिया।