विगत 6 माह से वेतन के इंतजार में हैं सफाई श्रमिक।
भारतीय जनता पार्टी अनुसूचित जाति मोर्चा ने श्रमिकों के हित में उठाई आवाज।
जबलपुर – कोरोना काल जैसी संकटग्रस्त परिस्थिति में जहां केंद्र सरकार और राज्य सरकार द्वारा जहां बिना काम किए भी कर्मचारियों को वेतन दिया गया। केंद्र और राज्य सरकारों ने निजी क्षेत्र से भी कर्मचारियों को वेतन दिए जाने की जाने की अपील की है नौकरी से ना निकाले जाने की अपील की है। वहीं जबलपुर नगर निगम का आलम यह है कि यहां पर निरंतर 6 माह से कार्य कर रहे श्रमिकों को उनके पारिश्रमिक से वंचित रखा गया है।
सफाई श्रमिकों के घर की दशा दयनीय हो चली है और इतना ही नहीं वह को ऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड जिसे संभाग क्रमांक 1 ,13 और 14 में सफाई का ठेका दिया गया था वह भी निरस्त कर दिया गया है। अर्थात इस संकट की घड़ी में सफाई श्रमिकों को बेरोजगार भी कर दिया गया। मां नर्मदा सफाई संरक्षक कामगार लेबर कांट्रेक्टर को-ऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड का यह ठेका निरस्त किए जाने से 200 से 300 सफाई क्रमिक बेरोजगार हो गए हैं। 2019 से 2020 तक का ठेका इस समिति को दिया गया था। जिसके केवल 60 श्रमिकों को ही सफाई का काम दिया गया। बाद में अप्रैल माह में कुछ बड़े ठेकेदारों के दबाव में आकर इस समिति के हाथ से काम छीन कर दूसरे को दे दिया गया। जबकि यह समिति हर कर्मचारी का पूरा ईपीएफ जमा करती है। भाजपा अनुसूचित जाति मोर्चा जबलपुर के प्रदेश मंत्री संतोष झारिया, जबलपुर के जिला अध्यक्ष प्रमोद चौटहेल, नगर मंत्री ए. रामचंद्र राव ने इन श्रमिकों की समस्या को समझा और इसे नगर निगम आयुक्त महोदय के समक्ष रखा। नगर निगम आयुक्त महोदय ने एक सप्ताह के भीतर मां नर्मदा सफाई संरक्षक कामगार लेबर कांट्रेक्टर को ऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड को 6 माह का 1500000 रुपए भुगतान कर देने की आश्वासन दिया। इस समिति ने पुनः सफाई का काम दिए जाने की मांग भी आयुक्त महोदय से की। इस अवसर पर संजय बिरहा, सोनू सुमित दत्त, मनीष गणकेश्वर, संजय रोहट के साथ श्रमिक भी मौजूद रहे। मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग का ख्याल रखते हुए सभी ने अपनी बात को आयुक्त महोदय के सामने रखा और आयुक्त महोदय ने उनकी समस्याओं को दूर करने का भरोसा दिलाया।