संतोषी माता मंदिर की मेड में साहब के नाम से हो रहा अतिक्रमण
जबलपुर दर्पण सतना ब्यूरो। नगर निगम को जानकारी होते हुये भी नही कर रहा हैं, कोई कार्यवाही अखिर कार्यवाही न होने की वजह क्या है। क्यों बैडा हैं चुपचाप नगर निगम प्रशासन सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार किसी बड़े अधिकारी के घर पर रसोईया का काम कर रही। एक महिला भी शामिल है।साथ में कुछ और लोग भी अतिक्रमण कर रहे हैं।और इसमें पटवारी ने भी अपनी अहम भूमिका निभाई है। नगर निगम अधिकारी यह मानते हैं। की अतिक्रमण किया जा रहा है। उपायुक्त विशाल सिंह ने यह माना कि लोग रात में घर बनाने के कार्य को अंजाम देते हैं। पर क्या प्रशासन इतना नतमस्तक है कि कार्य को रोक नहीं सकता है यह एक निगम प्रशासन के ऊपर सवालिया निशान है? *नगर निगम ने कार्यवाही के नाम पर सिर्फ गरीबों के आशियाने ही गिराए। अतिक्रमण की कार्रवाई के नाम पर प्रशासन ने सिर्फ गरीब असहाय मजदूर लोगों की जिंदगी भर की कमाई को पलक झपकते ही जमींदोज कर दिया। दिखावे के लिए कुछ कार्यवाही कुछ बड़े लोगों के नाम भी कर दी गई। पर वह लोग बाद में फिर से उसी प्रकार यथावत अतिक्रमण कर लिया। और गरीब आज भी पूरी तरह बेघर है। क्या प्रशासन की कार्यवाही के नाम पर हमेशा गरीबों के ही घर तोड़े जाएंगे। अधिकारियों के चमचे के ऊपर भी कब कार्यवाही होगी। या फिर साहब के नाम पर अतिक्रमण होता रहेगा।
नगर निगम का एक और कारनामा-
और नगर निगम में अधिकारी के चेंबर के बाहर बैठा अधिकारी का सेवक यह कहता है कि साहब मीटिंग में है इंतजार करिए और लोग घंटों इंतजार करते हैं और साहब पीछे के दरवाजे से खाना खाने चले जाते हैं। और सेवक लोगों को यह दिलासा देता रहता है कि साहब अंदर बैठे हैं। और लोग जब इसकी जानकारी मांगते हैं। तो सेवक बड़े तेवर में बोलता है। कि इंतजार करना हो तो करो वरना नहीं मिलने दूंगा जो करना है। वह कर लो।