सिंधिया हितैषियों को भी छोड़ देनी चाहिए कांग्रेस: श्रीकान्त दीक्षित
पन्ना। देष-दुनिया इस समय कोरोना वायरस रूपी महामारी को झेल रही है, तो वहीं कांग्रेस पार्टी में अपनी जड़ें जमा चुका यह वायरस सिंधिया जैसे नेताओं के रूप में पार्टी छोड़ दूसरी पार्टियों को अपनी चपेट में ले रहा है। पद लोलुप कोरोना वायरस रूपी इन अन्य कांग्रेसी नेताओं को जो सिंधिया जैसे नेताओं के गुणगान करते रहे हैं और कर रहे हैं, इन्हें भी सिंधिया का साथ देते हुए उनके साथ चले जाना चाहिए।
यह बात जिला कांग्रेस कमेटी के महामंत्री श्रीकान्त दीक्षित ने प्रेस विज्ञप्ति जारी करते हुए कही। श्री दीक्षित ने कहा कि जिस सिंधिया को लेकर कांग्रेस पार्टी के कार्यकत्र्ता व नेता पलक पांवड़े बिछाया करते थे व कांग्रेस में सिंधिया का विषेष सम्मान था, वे सिंधिया जब भाजपा में गये तो भाजपा ने ही उन्हें विभिषण की संज्ञा दे दी। स्वयं षिवराज सिंह चैहान ने अपनी पार्टी के कार्यालय में सिंधिया व अन्य नेताओं के सामने कहा कि उन्हें लंका जलाने के लिए एक विभिषण की जरूरत थी, जो सिंधिया के आने से पूरी हो गयी। शायद कांग्रेस कार्यकत्र्ताओं के सम्मान से ज्यादा सिंधिया को भाजपा में विभिषण कहा जाना ज्यादा पसंद है। कांग्रेस कार्यकत्र्ताओं की मेहनत का परिणाम है कि प्रदेष में कांग्रेस पार्टी की सरकार बनीं, परंतु सिंधिया जैसे कतिपय नेता इसका श्रेय अपने आपको ही देते रहे हैं। कांग्रेस पार्टी निष्ठावानों की पार्टी है और कांग्रेस पार्टी का प्रत्येक कार्यकत्र्ता समर्पित होकर पार्टी का कार्य करता है। श्री दीक्षित ने कहा कि हम पार्टी से हैं, पार्टी हमसे नहीं है। यह बात कभी किसी को नहीं भूलनी चाहिए। कांग्रेस पार्टी का हर एक कार्यकत्र्ता हर विकट स्थिति का सामना मिलकर करता रहा है और करता रहेगा। कांग्रेस का सिद्धांत ही जन सेवा व राष्ट्र सेवा है।