सूचना आयुक्त राहुल सिंह ने फेसबुक लाइव पर की एकसाथ 3 सुनवाइयां
तीन अलग अलग मामलों – स्वास्थ्य विभाग, पुलिस विभाग, एवं राजस्व विभाग में हुई सुनवाई
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भोपाल। सूचना आयोग में नवाचार के तौर पर प्रारंभ की गई सोशल मीडिया के माध्यम से सुनवाइयों में निरंतर प्रगति देखी जा रही है। इसी तारतम्य में सूचना आयुक्त राहुल सिंह भारत के पहले सूचना आयुक्त होंगे जिन्होंने अपनी सारी सुनवाईओं को फेसबुक लाइव के माध्यम से प्रसारित करना प्रारंभ कर दिया है जिसे उनके अकाउंट में जाकर फेसबुक के माध्यम से वर्ल्ड में बैठा हुआ कोई भी व्यक्ति किसी भी समय एक्सेस कर सकता है और सुन सकता है और उसे देखकर यह ज्ञात कर सकता है कि उनकी किस सुनवाई में किस प्रकार का निर्णय किया गया।चिकित्सा विभाग में नियुक्ति संबंधी चाही गई थी जानकारी, जारी हुआ 25 हज़ार रुपये का कारण बताओ नोटिस दिनांक 10 सितंबर 2020 को फेसबुक लाइव के माध्यम से प्रसारित की गई सुनवाई में पहला प्रकरण चिकित्सा विभाग का आया है जिस पर अपीलार्थी अजय सिंह द्वारा कुछ कर्मचारियों के नियुक्ति संबंधी कारण पूंछा गया था एवं उससे संबंधित दस्तावेज चाहे गए थे। जिस पर मध्य प्रदेश सूचना आयुक्त राहुल सिंह ने कहा कि किसी भी आरटीआई आवेदन में कारण नहीं पूछा जा सकता मात्र उपलब्ध दस्तावेज मांगे जा सकते हैं।अपीलार्थी अजय सिंह के द्वारा दिनांक 14 दिसंबर 2015 को अपना आरटीआई आवेदन सिंगरौली जिला चिकित्सा विभाग में प्रेषित किया गया था जिसके तत्कालीन लोक सूचना अधिकारी आरपी पटेल मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी थे। इसके बाद श्री एमके जैन मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी की पदस्थापना हुई और वह वर्तमान लोक सूचना अधिकारी है। इस मामले में सुधांशु मिश्रा जिला कार्यक्रम प्रबंधक एनएचएम सिंगरौली को डीम्ड पीआईओ बनाया गया था। मामले के प्रथम अपीलीय अधिकारी डॉ आनंद मिश्रा क्षेत्रीय संचालक स्वास्थ्य सेवाएं जिला रीवा है।मामले में सुनवाई के दौरान गुण दोष के आधार पर मामले का निराकरण किया गया एवं अपीलार्थी द्वारा चाही गई जानकारी अपीलार्थी को उपलब्ध किए जाने के लिए संबंधित लोक सूचना अधिकारी को निर्देशित किया गया तथा साथ में रुपये 25000 जुर्माने का कारण बताओ नोटिस भी जारी किया गया मेडिकल रिपोर्ट बदलने के विषय में सतना एसपी इकबाल रियाज और एडिशनल एसपी गौतम सोलंकी को कारण बताओ नोटिस
अपीलार्थी ने पुलिश पर मेडिकल रिपोर्ट बदलने का लगाया आरोप
अपीलार्थी मोहम्मद इसहाक मदनी के द्वारा बताया गया कि उन्होंने किसी पीड़ित व्यक्ति के मेडिकल रिपोर्ट के संदर्भ में सूचना का अधिकार आवेदन सतना पुलिस अधीक्षक कार्यालय में लगाया था जिसके लोक सूचना अधिकारी अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक गौतम सोलंकी थे परंतु जानकारी न दिए जाने के बाद आवेदक द्वारा प्रथम अपीलीय अधिकारी एसपी इकबाल रियाज के समक्ष अपील प्रस्तुत की गई। इसके बाद भी आवेदक को वांछित जानकारी नहीं मिली तो आवेदक ने राज्य सूचना आयोग में इसकी द्वितीय अपील प्रस्तुत की।सुनवाई के दौरान आवेदक द्वारा कहा गया की मेडिकल रिपोर्ट में पुलिस अधीक्षक कार्यालय द्वारा अपना ओपिनियन नहीं दिया गया था जबकि अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक के द्वारा बताया गया कि हमने मेडिकल रिपोर्ट में ओपिनियन भी प्रस्तुत किया था। सुनवाई के दौरान यह बात सामने आई कि मामला किसी थाने से संबंधित था जिसमें नारायण कुम्हड़े नामक थाना प्रभारी जो कि इस मामले में डीम्ड पीआईओ भी बनाये गए थे उनको भी पुलिस अधीक्षक द्वारा नोटिस जारी की गई और उनकी सर्विस बुक में निंदा की गई। इस प्रकार समस्त गुण दोष को सुनते हुए मध्य प्रदेश राज्य सूचना आयुक्त राहुल सिंह ने मामले में लोक सूचना अधिकारी एसपी ऑफिस सतना गौतम सोलंकी एवं प्रथम अपीलीय अधिकारी रियाज इकबाल को कारण बताओ नोटिस से मुक्त किया और मामले का निराकरण किया। साथ में अपीलकर्ता मोहम्मद इसहाक मदनी को निर्देशित किया कि यदि वह पुलिस विभाग द्वारा प्रस्तुत की गई रिपोर्ट में छेड़खानी महसूस कर रहे हैं तो वह कोर्ट की शरण ले सकते हैं और साथ में यदि भविष्य में कभी भी उन्हें कोई अन्य रिपोर्ट मिलती है तो इसके विषय में आयोग में धारा 18 के पास शिकायत भी प्रस्तुत कर सकते हैं जिसके बाद आयोग इस विषय में संज्ञान लेगा।12 एकड़ जमीन खुर्दबुर्द करने का तहसीलदार सिरमौर पर लगा आरोप दिनांक 10 सितंबर को फेसबुक लाइव के माध्यम से एक अन्य सुनवाई में सिरमौर तहसील जिला रीवा के तत्कालीन लोक सूचना अधिकारी एवं तहसीलदार मुनींद्र तिवारी एवं वर्तमान तहसीलदार जितेंद्र तिवारी पर अपीलकर्ता एम एल मिश्रा द्वारा जानकारी छुपाए जाने का आरोप लगाया गया एवं बताया गया कि तहसीलदार आर आई और पटवारी ने मिलकर उनकी 12 एकड़ की जमीन खुर्दबुर्द कर दी।