सड़क ऐसी की यहां से निकलने वाले मुर्दे तक मे जान आ जाये
पवन कौरव गाडरवारा
जिन बदहाल सड़कों ने कभी कांग्रेस को प्रदेश की सत्ता से बेदखल कर दिया था , वही सड़कें अब भाजपा के गले की फांस बनती जा रही हैं । बारिश के शुरुआती दौर में शहर की प्रमुख सड़कें तो बदहाली का शिकार तो हैं ही लेकिन बात करे कालोनियों की तो गाडरवारा रेलवे स्टेशन से नजदीक आने वाली वृंदावन कॉलोनी की जो रेलवे स्टेशन के नजदीक होने के बाद भी विकास की दृष्टि से उपेक्षित नजर आ रही है । इन दिनों मानो की नगर पालिका गाडरवारा कुम्भकर्ण की नींद सोया हो जिससे इस बदहाली को दर्शाती सड़क की और मानो ध्यान ही नही गया हो , इस कॉलोनी का मुख्य मार्ग आजादी के 70 वर्ष बीत जाने के बाद भी कॉलोनी वासियों एवं यहां से गुजरने वाले राहगीरों को आज तक सड़क नसीब नही हो सकी है गौरतलब है कि यहीं रास्ता मुक्तिधाम व इमलिया को जाता है बरसात के दिनों में इस रास्ते की हालत इतनी खस्ता है कि यहां से निकलने वाले मुर्दे तक में जान आ जाएं । गड्ढ़ों में वाहन हिचकोले खा रहे हैं और वहीं जिम्मेदार बेफिक्र हैं । ऐसे मे कॉलोनी में रहने वालों की मुश्किल बढ़ गई है । इन सड़कों में गुजरने वाले लोग अब प्रशासन व सरकार को कोस रहे हैं । बारिश का पानी भरने के बाद इन सड़कों के गडढों का आकार बढ़ता जा रहा है । इन गड्ढों पानी भरे होने के कारण छोटे दो पहिया वाहन चालक गिरकर घायल हो जाते हैं । बारिश में सबसे अधिक परेशानी शहर के अंदर कॉलोनी में बनी सड़कों की है। सीवर लाइन का निर्माण के दौरान कंक्रीट की सड़कों को खोद दिया गया है, लेकिन इसके बाद इन सड़कों का निर्माण कंपनी समय पर नहीं कर पाई है । ऐसे में शहर के अंदर आवासीय कालोनियों की सड़क में गड्ढे व कीचड़ के कारण लोगों का बुरा हाल है। इसे लेकर कई बार पार्षद व स्थानीय लोग शिकायत कर चुके हैं । इसके बावजूद स्थिति में बदलाव नहीं हुआ है । इस और ना ही प्रशासन ध्यान देता है और ना ही जनप्रतिनिधि जिसके चलते आम लोगों को अपनी जान जोखिम में डालकर इस रास्ते से गुजरना पड़ता है ।