200 प्लॉटों को बेचने के नाम पर करोडों की धोखाधडी करने वाले को पुलिस ने किया गिरफ्तार
विजयवर्गीय की गिरफ्तारी पर 20 हजार का ईनाम घोषित किया गया था
भोपाल। राजधानी पुलिस ने बडी सफलता हासिल करते हुए 200 लोगो के साथ प्लॉट बेचने के नाम पर करोडो की धोखाधडी करने वाले 15 सालो से फरार इनामी भू-माफिया को इंदौर से गिरफ्तार करने मे सफलता हासिल की है। शातिर जालसाज इंदौर मे अपनी पहचान छिपाने के लिये नाम ओर हुलिया बदल कर रहा था। सायबर सेल ने जालसाज रमाकांत विजयवर्गीय को कोहेफिजा पुलिस टीम के साथ संयुक्त कार्यवाही करते हुए दबोचा है। बताया गया है कि आरोपी रमाकान्त ने कोहेफिजा इलाके मे एयरपोर्ट रोड पर स्थित पंचवटी फेस-3 कॉलोनी मे प्लॉट बेचने के नाम पर फर्जीवाडा करते हुए 200 लोगो से 500 करोड़ की ठगी की है, जिसके खिलाफ कई मामले दर्ज है। ओरोपी ने एक ही प्लॉट को कई लोगो को बेच दिया करता था। अफसरो ने बताया कि रमाकांत विजयवर्गीय पिता बापूलाल विजयवर्गीय (58) निवासी, सी एफ-12 स्कीम नंबर 74 सी विजय नगर इंदौर। हॉल पता सी-403 अंसल अपार्टमेन्ट श्यामलाहिल्स भोपाल के खिलाफ 22 प्रकरण दर्ज है। शातिर आरोपी रमाकांत विजयवर्गीय के द्वारा एक कंपनी जिसका नाम डिस्ट्रीक इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रायवेट लिमिटेड बनाई गई थी।
आरोपी द्वारा इस कंपनी के जरिये साल 2005 में पंचवटी फेस-2 एवं 3 कॉलोनी में प्लॉट बेचने के नाम पर करीब 200 लोगों से फर्जी तरीके से लगभग 20 करोड की धोखाधडी की गई है।
शातिर जालसाज ने कई प्लॉटो मे हेराफेरी करते हुए उन्हे कई लोगो को बेचकर उनसे लाखो रुपये की रकम लेते हुए सभी के साथ प्लॉट बेचने का अनुबंध किया ओर घोटाला उजागर होने पर राजधानी छोडकर फरार हो गया था। इदौर मे जालसाज रमाकांत अपना हुलिया पूरी तरह बदलने के साथ ही अपना नाम भी बदलकर रामकुमार व्यास के नाम से इंदौर में रह रहा था। अधिकारियो ने बताया कि जालसाज के भोपाल आने की मिली सूचना के आधार पर राजधानी पुलिस की सायबर क्राईम एवं कोहेफिजा थाने की टीम ने सयुक्तं कार्यवाही करते हुए बीती रात को उसे गिरफ्तार कर लिया। पुलिस अधिकारियो के मुताबिक शातिर के खिलाफ थाना कोहेफिजा में धोखाधडी के 22 मामले दर्ज है। वही रमाकांत वर्तमान में 29 प्रकरणों में फरार चल रहा था, जिसके खिलाफ कोर्ट द्वारा स्थाई वारंट जारी किये गये है। अफसरो का कहना है कि दबोचे गये भु-माफिया के खिलाफ जिला कोर्ट मे विचाराधीन प्रकरणो में 138 अन्य आवेदन पत्र संलग्न थे, जिनमे कोर्ट के आदेश पर 38 आवेदन पत्रों पर मामले दर्ज किये जा चुके है, ओर शेष 100 आवेदन पत्रों पर अपराध दर्ज किये जाने है। फरार आरोपी रमाकान्त विजयवर्गीय की गिरफ्तारी पर 20 हजार का ईनाम घोषित किया गया था। पुलिस टीम ने रमाकान्त के पास से फर्जी पहचान पत्र बरामद किये है।