अदालत ने स्थानांतरण पर रोक लगाई।
जबलपुर – स्थानांतरण अच्छे-अच्छे अधिकारियों के लिए भी समस्या बन जाया करता है, हलाकि हमेशा ऐसा नहीं होता। लेकिन बार-बार के स्थानांतरण से पीड़ित कर्मचारी अदालत की शरण लेते हैं। ऐसा एक मामला देखने में आया होशंगाबाद के निकट रायसेन का जहां उप संभाग बेगमगंज में लोक निर्माण विभाग में कार्यरत अनुविभागीय अधिकारी का स्थानांतरण वर्तमान पदस्थापना से 300 किलोमीटर के भीतर कर दिया गया। गौरतलब है कि 1 वर्ष पूर्व भी उनका स्थानांतरण होशंगाबाद से इस स्थान पर किया गया था। एसडीओ महोदय के रिटायरमेंट को 7 माह बाकी है। इस स्थानांतरण से वे काफी चिंतित हुए और इस बात को उन्होंने अदालत के समक्ष प्रस्तुत किया। अदालत ने उनकी याचिका पर सुनवाई करते हुए उन्हें वर्तमान पदस्थापना में ही कार्यरत रहने का आदेश जारी किया। याचिकाकर्ता की ओर से पैरवी करते हुए मनीष कुशवाहा ने बताया कि उनका स्थानांतरण नियम विरुद्ध था जिसका संज्ञान लेते हुए अदालत ने वर्तमान पदस्थापना में ही उन्हें रहने की अनुमति प्रदान की।