मामले को सुलझाने कि वजह उल्टा उलझाने में लगे राजस्व के कर्मचारी
डिंडोरी, जबलपुर दर्पण ब्यूरो। एक तरफ मध्य प्रदेश के मोहन सरकार राजस्व मामलों में सुधार लाने के लिए अनेकों प्रयास कर रही है, किसानों को सुविधा देने के लिए राजस्व विभागों के नियमों में भी बदलाव कर दिया गया है, बावजूद कार्यरत राजस्व कर्मी सरकार की मंशा पर पानी फेरते नजर आ रहे हैं। जिलेभर में राजस्व विभागों के कामों को निपटने के लिए हमेशा सुर्खियां में रहने वाले पटवारी, आरआई के कई कारनामे है, जहां कामों के बदले बेफिक्र होकर पैसे मांगे जा रहे है। बताया गया कि जिम्मेदार राजस्व कर्मी बंटवारा, नामांतरण, फौथीनामा, सीमांकन सहित अन्य कामों के नाम पर पैसे लेने के बाद भी कार्रवाई नहीं करते। आरोपों के मुताबिक जिम्मेदार राजस्व कर्मी मामले को सुलझाने की वजह उल्टा मामले को उलझाने में ज्यादा तवज्जोब दे रहे हैं, यही कारण है कि दिनों-दिन राजस्व संबंधी शिकायतों के मामलों में बढ़ोतरी हुई है। मामले को लेकर कुछ जागरूक किसान शिकायतें भी शासन-प्रशासन से करते हैं, लेकिन कार्यवाही न होने से जिम्मेदार राजस्व कर्मियों के हौसले बुलंद हैं। गौरतलब है कि जिले भर के चुनिंदा अधिकारियों को छोड़ कुछ अधिकारी अपने आप को कलेक्टर से भी नहीं डरने की बात कहकर लोगों को रोब-रूतबा दिखाकर भ्रष्टाचार में लिप्त है। ताजा मामला जिले के समनापुर जनपद अंतर्गत ग्राम पंचायत बुड़रूखी से सामने आया है, जहां दो पक्षों के विवाद को सुलझाने गए आरआई, पटवारी ने मामले को और उलझा दिया है, जिससे एक बार फिर मामले को लेकर विवाद की स्थिति बनी हुई है। दरअसल गांव से दूर खेती की जमीन को लेकर दो पक्षों में विवाद को सुलझाने पहुंचे पटवारी, आरआई पहले से ही तालमेल बिठाकर कामों को अंजाम दे रहे थे, तभी दूसरा पक्ष नाराज होकर पुनः सिमांकन करवाने की बात कह रहा है। फिलहाल अब देखना होगा कि तहसील कार्यालय में सीमांकन के लिए दिए आवेदन के कितनों दिनों बाद मामले में कार्रवाई करती है।