एक ही गाँव की दो लड़कियां लापता,पीड़ित परिवार ने दर्ज कराई गुमशुदगी की रिपोर्ट:कार्यवाही न होने पर 181 पर सिहोरा पुलिस की शिकायत
जबलपुर दर्पण सिहोरा क्राईम ब्यूरो। जबलपुर जिले के सिहोरा थाना क्षेत्र के अंतर्गत आने वाली ग्राम पंचायत मोहसाम से एक नाबालिक लड़की एव कालेज की छात्रा के लापता होने की सनसनी खेज मामला प्रकाश में आया है। पीड़ित परिवार के लोग सिहोरा थाने के चक्कर काट रहे हैं। लेकिन उनकी कोई सुनवाई नही हो रही है। परिवार के सदस्यों ने मीडिया का सहारा लेते हुए गुहार लगाकर मांग की है। उनकी बेटियों को पुलिस जल्द से जल्द खोजबीन करे। पीड़ित व्यक्ति ने बताया कि मैं लीलमन चमार ग्राम पंचायत मोहसाम का रहने वाला हूँ मेरी नाबालिग पुत्री पिंकी चमार उम्र 17 वर्ष को गाँव का ही रहना वाला मोनू पिता गुड्डा चमार कही बहला फुसलाकर लेकर चला गया है। जिसकी गुमशुदा की रिपोर्ट सिहोरा थाने में 15/05/2022 को दर्ज कराई थी। वहीं दूसरी लड़की की मां द्रोपती बाई कोल पति रामकुमार कोल ने बताया कि मै सुबह 11 बजे मजदूरी करके घर वापिस लौटी थी। तभी मेरी पुत्री रजनी कोल शासकीय श्याम सुंदर कॉलेज खितौला जाने को कह कर निकली थी। जिसका आज दिनांक तक कोई पता नहीं चल सका है। पीड़ित परिवार के सदस्यों ने 03/07/2022 को सिहोरा पुलिस थाने में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी। दोनों ही घटना एक ही ग्राम पंचायत से जुड़ी होना और घटना दिनाक़ से अभी तक लापता लड़कियों का पुलिस कोई खोजबीन नही कर सकी,जिससे पीड़ित परिवार के लिए परेशानी बढ़ती चली जा रही हैं। दोनों परिवार के सदस्यों ने आसपास सहित रिस्तेदारों में सम्पर्क किया लेकिन इन लड़कियों का अभी तक कोई सुराग नहीं मिला है।
सिहोरा-पुलिस की धीमी कार्यप्रणाली और बैग में रखी फाइलों से नाराज होकर पीड़ित व्यक्ति के लोगों ने सीएम हैल्पलाइन 181 पर सिहोरा पुलिस की शिकायत दर्ज कराई हैं। फिर भी न जाने क्यों इन लड़कियों का सिहोरा पुलिस अभी तक कोई सुराग नहीं लगा सकी है। जबकि लगातार पुलिस अधीक्षक श्री बहुगुणा ने प्रत्येक थाना प्रभारी को निर्देशित किया है, किसी भी प्रकार की घटना हो तत्काल कार्यवाही कर पीड़ित व्यक्ति को न्याय दिलाना जबलपुर पुलिस का प्रथम कर्तव्य है। जिले से कुछ दूरी होने के कारण कई थाने ऐसे भी है जिनमें थाना प्रभारियों को घटित घटना की जानकारी नहीं लग पाती हैं। और उनके लगें आरक्षक सिपाही जो लंबे समय से एक ही थाने में जमे है। मामले को गोलमाल कर दबाने की कोशिश में हमेशा लगे रहते हैं। यही कारण है घटनाओं की तह में जाने पुलिस को अधिक समय लग जाता हैं। घटना चाहे गुमशुदगी की हो या मर्डर,या फिर एक्सीडेंट या फिर चोरी की हो सभी में देखा गया जाँच पड़ताल करने वाले अधिकारियों की लापरवाही उच्च स्तरीय अधिकारियों को झेलनी पड़ती हैं। फिहलाल दोनों लड़कियों की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कर जाँच शुरू कर दी गई हैं। अब देखना है कि कितने समय में सिहोरा पुलिस इन दोनों लापता लड़कियों को खोज कर पीड़ित परिवार के हवाले करते हैं।