पिंड़रूखी गांव के हत्यारिन सास को मिली आजीवन कारावास की सजा
डिंडोरी, जबलपुर दर्पण न्यूज। मीडिया सेल प्रभारी एवं सहायक जिला लोक अभियोजन अधिकारी जिला डिण्डौरी मनोज कुमार वर्मा के अनुसार थाना डिण्डौरी के जघन्य एवं सनसनीखेज प्रकरण अप0क्र0 350/19 एवं सत्र प्र0क्र0 104/19 के आरोपियों संतोष कुमार पिता प्रहलाद सिंह उम्र 26 वर्ष, प्रहलाद सिंह पिता तखतसिंह राठौर, उम्र 45 वर्ष एवं सरस्वती बाई पति प्रहलाद सिंह राठौर, उम्र 35 वर्ष सभी निवासी पिण्डरूखी थाना डिण्डौरी जिला डिण्डौरी के विरूद्ध धारा 498ए भादंवि में सजा सुनाई गई है। प्रथम आरोप है कि उन्होंने दिनांक 28.05.18 से 28.05.19 तक ग्राम पिण्डरूखी जिला डिण्डौरी में स्थित अपने घर में मृतिका के पति संतोष के नातेदार होते हुए मृतिका से दहेज में एक एकड़ जमीन और मसाला का धन्धा करने के लिए पैसे की मांग कर उसके साथ क्रूरतापूर्ण व्यवहार कर उसे प्रताडित किया। धारा 302 सहपठित धारा 34 भादंवि का द्वितीय आरोप है कि उन्होंने दिनांक 28.05.19 को अपने घर में सहअभियुक्तगण के साथ मिलकर मृतिका की हत्या कारित करने के सामान्य आशय से उस पर मिट्टी का तेल डालकर आग लगाकर मृत्यु कारित कर हत्या की । विकल्प में धारा 304 बी भादंवि का आरोप है कि उन्होंने दिनांक 28.05.18 से 28.05.19 के मध्य उक्त स्थान पर मृतिका के पति संतोष के नातेदार होते हुए मृतिका के विवाह के 07 वर्ष के अन्दर उसकी सामान्य परिस्थितियों से भिन्न अस्वाभाविक मृत्यु के तत्काल पूर्व मृतिका से दहेज संबंधी मांग कर उस पर मिट्टी का तेल डालकर आग लगाकर उससे क्रूरता अथवा प्रताड़ना की जिससे दिनांक 2.6.19 को उसकी मृत्यु हो गई ऐसा कर उन्होंने दहेज मृत्यु कारित की। धारा 4 दहेज प्रतिषेध अधिनियम का तृतीय आरोप है कि उन्होंने उक्त समयावधि एवं स्थान पर मृतिका से दहेज में एक एकड़ जमीन और मसाला का धन्धा करने के लिए 6000/- रू. की मांग की।उक्त मामले में थाना डिण्डौरी द्वारा आरोपियों के विरूद्ध धारा 498ए, 302 सहपठित धारा 34 विकल्प में 304 बी भादंवि एवं 4 दहेज प्रतिषेध अधिनियम के अंतर्गत अपराध पंजीबद्ध किया गया। उक्त मामले की विवेचना पश्चात चालान माननीय न्यायालय के समक्ष पेश किया गया। उक्त मामले की सुनवाई करते हुए सत्र न्यायाधीश जिला डिण्डौरी द्वारा आरोपिया सरस्वती बाई राठौर को धारा 302 भादंवि के अपराध के लिए आजीवन कारावास एवं 2000/- रू. के अर्थदण्ड से दण्डित किया गया। उक्त अर्थदण्ड की राशि अदा न करने पर 02 माह का अतिरिक्त सश्रम कारावास भुगताये जाने का आदेश भी पारित किया गया है।