परमात्मा के प्रति समर्पण ही सर्व मंगलकारी:आचार्य कौशिक जी महाराज
जबलपुर दर्पण। कुंभ मेला मैदान गौरीघाट में आयोजित श्रीराम कथा के विश्राम दिवस पर वृंदावन से पधारे पुराण मनीषी आचार्य कौशिक जी महाराज ने कहा कि रामचरित मानस सिर्फ ग्रंथ नहीं है वो जीवन में नारी का सम्मान करते हुए काम क्रोध मद लोभ मोह से विजय का मंत्र है। राम को जीवन में उतारने के लिए हनुमान जी महाराज जैसे समर्पण होना चाहिए परमात्मा से अधिक भक्त पूज्य हो जाता है। शिव श्रीराम के आराध्य हैं जबकि श्रीराम शिव के ह्रदय में वास करते हैं। गौ माता में 33 कोटि देव निवास करते हैं, गौमाता के चरण आंगन में पड़ते ही सभी दोष समाप्त हो जाते हैं । प्रभु में सर्वस्व समर्पित कर सिर्फ भक्ति करना चाहिए फल मिलता।
महायज्ञ की पूर्णाहुति में पहुंचे हजारों भक्त पं. रामदेव शास्त्री ने बताया कि एक लाख गौमाता के संरक्षण एवं संवर्धन के लिए श्री अतिरुद्र समन्वय महायज्ञ चंडी महायज्ञ का गीताधाम में अनवरत रुद्राभिषेक चल रहे रुद्राभिषेक , 351 घंटे अति रुद्र समन्वय चंडी महायज्ञ विधान का पूर्णाहूति में हजारों श्रद्धालुओं ने श्रृद्धा भक्ति से महाराज जी का आशीर्वाद प्राप्त किया। मंत्रोच्चार वैदिक परंपरानुसार पूर्णाहूति के साथ विश्राम हुआ।
व्यास पीठ का पूजन पंडित रामदेव शास्त्री, विष्णु पटेल,विध्येश भापकर, राजेंद्र यादव, रामजी अग्रवाल, शारदा कुशवाहा,ब्रजेश शर्मा, आचार्य राममोहन, सत्यम त्रिपाठी, राजेन्द्र यादव, अंकित शर्मा, शिवम शर्मा, राकेश द्विवेदी, आशीष पाराशर, रामनरेश द्विवेदी, आचार्य मुकुंद शास्त्री ने किया।