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पाटन जनपद पंचायत का लगभग 80 लाख रू, बाकी किराया जमा करने अधिकारी लगा रहे गुहार,किरायदार बना रहे राजनैतिक दवाब

किराया वसूली की कार्यवाही नहीं होने से किरायदारों की मौज

पाटन नप्र/जबलपुर दर्पण। केंद्र सरकार ने भूस्वामी और किराएदार के अधिकारों के संरक्षण के लिए सभी राज्यों को कानूनी प्रविधान करने के लिए दिशानिर्देश दिए थे। नगरीय विकास एवं आवास विभाग ने नया मध्य प्रदेश किराएदारी अधिनियम का प्रारूप तैयार किया है। इसके अनुसार किराया अधिकरण बनाया जाएगा।
किराएदार की मृत्यु होने पर उसके उत्तराधिकारी को अनुबंध का पालन करते हुए उक्त भवन अथवा दुकान में रहने का अधिकार दिया गया है उक्त भवन या दुकान पर अन्य किरायदार नही रह सकता है। यदि कोई आवंटन धारी व्यक्ति ऐसा करते पाया जाता है तो उसका आवंटन तुरंत निरस्त करने का अधिकार जनपद पंचायत पाटन को प्राप्त है। पाटन जनपद की स्वामित वाले भवन एवं दुकानों में दसको से जमे किरायेदार किराया नहीं दे रहे है। आज दिनांक तक जनपद पंचायत का लगभग 80 लाख रुपए के आस पास किराया बाकी है जो जनपद पंचायत के किरायदारो से वसूल करना है। लेकिन जनपद पंचायत द्वारा इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है जिसके कारण जनपद पंचायत के किरायदारों की मौज है। वही जनपद पंचायत आर्थिक तंगी से जूझ रही है। सूत्रो से मिली जानकारी अनुसार बस स्टैंड वाले मार्केट में कपिल अग्रवाल का लगभग 130180 रुपए किराया बाकी है वही राजकुमार व्यौहार की मृत्यु होने के बाद उनके बेटे आशीष व्यौहार के नाम पर भवन का नामांतरण किया गया था इनका भी आज दिनांक तक लगभग 218667 रुपए का किराया बाकी है। इसके अलावा रंजीत सिंह के भवन का किराया 263922 रुपए बाकी है। जनपद पंचायत कार्यलय द्वारा सूचना देने पर भी उक्त किराया जमा नहीं कर रहे किरायदार। जनपद पंचायत सीईओ को तुरंत सभी किरायदारों को नोटिस जारी कर किराया जमा करने निर्देशित करना चाहिए यदि तय समय में किराया जमा नहीं होता तो उनके आवंटन तुरंत निरस्त करने की कार्यवाही होना चाहिए। और जो किरायदार किसी अन्य के आवंटन पर रहकर उक्त भवन/दुकान पर अवैध रूप से कब्जा कर व्यसाय कर रहे है उनको तुरन्त जनपद के स्वामित वाले भवन अथवा दुकानों को खाली करवाकर उनका आवंटन निरस्त करने की कार्यवाही करना चाहिए। अब देखना दिलचस्प होगा जनपद पंचायत कार्यलय के जवाबदार अधिकारी कब नीद से जागकर किराया वसूली का अभियान चलाते है।





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