खादी का कोई एक दिन नहीं होता, हथकरघा दिवस पर बोले आचार्य श्री।
खादी का कोई एक दिन नहीं होता,
हथकरघा दिवस पर बोले आचार्य श्री।
भारतीय जनता पार्टी के नेताओं को मिला आचार्य श्री का सानिध्य।
जबलपुर। मनुष्य दी आत्मनोवृत्तियों पर नियंत्रण करना शुरू करें। तो निश्चित ही वह, आत्मा विजय के पथ पर अग्रसर हो सकेगा। विश्व के कल्याण के लिए, इससे बेहतर कोई और मार्ग भी नहीं हो सकता। कि व्यक्ति आत्म अध्ययन के माध्यम से, अध्यात्म के पद का अनुसरण करें। धर्मा चरण में स्वयं को स्थापित करें।
आचार्य गुरुवर श्री १०८ विद्यासागर जी महाराज ने हथकरघा दिवस के अवसर पर कहा की खादी का कोई एक दिन नहीं होता हमें प्रतिदिन खादी हथकरघा का उपयोग करना चाहिए । विश्व में पौराणिक काल में हथकरघा का ही उपयोग किया जाता था । आज के आधुनिक युग में अनेक वस्त्रों को पॉलिश के लिए अहिंसक पदार्थों का उपयोग किया जाता है जो वस्तुतः अहिंसक लोगो को वस्त्रों को पहनने के अयोग्य बना देते हैं । विश्व में सभी लोग किसी ना किसी तरह का पहनावा पहनते है अपने को सुरक्षित रखने के लिए । वह शाकाहारी हो या मांसाहारी , दोनों ही तरह के लोगों में वस्त्रो का प्रचलन है। भारत ने हमेशा इस तथ्य को नजर में रखकर शाकाहार का प्रचार किया है शाकाहारी वस्तु या वस्त्र यानी हथकरघा से निर्मित *
स्वदेशी वस्त्र हमें निरंतर अहिंसा का पाठ पढ़ाते हैं ।
इसी तरह भोजन में शाकाहारी या मांसाहारी दो तरह के लोग होते हैं, विश्व में मांसाहार करने वालों की संख्या सर्वाधिक है अनेक मांसाहारी यह कहते हैं कि जो पौष्टिकता मांसाहार में है वह शाकाहार में नहीं है लेकिन जीव विज्ञानी इस बात को साबित कर चुके हैं कि जितनी पौष्टिकता मांसाहार में है उससे कहि अधिक पौष्टिकता शाकाहार में भी है । शाकाहार में यदि पौष्टिकता की कमी होती तो शाकाहारीयो का जीवन ही मुश्किल हो जाता , वैज्ञानिकों ने सिद्ध किया है कि शाकाहारी की बुद्धि तेज होती है। शाकाहार भी खाद्य और अखाद्य दोनों होते हैं, तामसिक भोजन बुद्धि पर प्रभाव डालता है उस से परहेज किया जाना चाहिए, बल्कि हम कह सकते हैं कि बचपन से कोई भी तामसिक पदार्थ का सेवन नहीं करता।
शेर, चीता जैसे भयंकर हिंसक जानवर के बच्चे भी बचपन में मांसाहार नहीं करते, मां का दूध पीते हैं और अपनी ही मां का दूध पीते हैं, यह मां का दूध और उसके तत्व जीवन के अंतिम क्षण तक उसके शरीर में बने रहते हैं । हर मां 5-7 वर्षों तक बच्चों के भोजन पर निगरानी रखती है, आज पश्चिमी देशों की देखा देखी कई लोग तामसिक भोजन का अनुसरण कर रहे हैं, यही बीमारियों का कारण है, महामारी के इन 2 वर्षों में वैज्ञानिकों ने स्वीकार किया है कि हमें शाकाहारी ही रहना चाहिए । कोरोना महामारी चीन के मांसाहार के कारण मनुष्य के शरीर में पहुंची , अब तो चीन में भी बड़ी मात्रा में लोग शाकाहार अपना रहे हैं यदि आपको सदैव स्वस्थ रहना है तो शाकाहार ही अपनाना चाहिए।
आचार्य श्री को शास्त्र भेंट करने का परम सौभाग्य, बदामी लाल, लक्ष्मी देवी बोरा, मुंबई डॉ अर्चना विनय जैन नागपुर विजय जैन रोहतक को प्राप्त हुआ। आज गुरुवर को पड़गाहन कर
आहार देने का परम सौभाग्य हनुमान जैन विनोद जैन जसपुर छत्तीसगढ़ को प्राप्त हुआ।
आज भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष बीडी शर्मा दयोदय तीर्थ पहुंचे साथ ही संभागीय संगठन मंत्री शैलेंद्र बरुआ सीए अखिलेश जैन पूर्व मंत्री शरद जैन एवं अभिलाष पांडे जी ने आचार्य श्री के दर्शन कर आशीर्वाद प्राप्त किया।