शहर गांव गली गली नुक्कड़ चौराहों पर बिक रही अवैध शराब

आबकारी पुलिस विभाग की मौन साधना पर लग रहे सवालिया निशान
जबलपुर दर्पण संभाग ब्यूरो राजेंद्र त्रिवेदी
आबकारी विभाग के संरक्षण में चल रहा है अवैध शराब का धंधा,चुनाव के समय जोरों पर चल रहा है जहां एक तरफ शराब की बिक्री व अवैध शराब की बिक्री चुनाव को देखते हुए बंद कराई जानी चाहिए लेकिन ऐसा ना हो कर आबकारी और पुलिस विभाग की मिलीभगत से गांव गली के नुक्कड़ चौराहे पर शराब बिक रही है सिर्फ भाषण देने या प्रतिबंध लगाने से काम नहीं चलता जन-जन में यह चर्चा का विषय बना हुआ है कि आखिर इतनी अवैध शराब चुनाव को देखते हुए कैसे बेची जा रही है बिक रहीं अगर ज्यादा किरकिरी होती है तो आनन-फानन में कार्यवाही की जाती है छोटे लोगों को पकड़कर आबकारी विभाग पुलिस विभाग अपनी पीठ थपथपा लेता है जबकि ज्यादा माल पकड़ने पर सेटिंग करके उसको नंबर एक का बता दिया जाता है ऐसा कुछ दिनों पहले हुआ भी था सभी जानते हैंशराब,जुम्मेदारअधिकारी ठेकेदारों के दबाव में पुलिस अधिकारी ठेकेदारों के दबाव में या यूं कहें कि मोती रतन का कमीशन जिसके कारण मोहनलाल किया गया शराब,आबकारी विभाग बना धृतराष्ट्
जबलपुर दर्पण संभाग ब्यूरो राजेंद्र त्रिवेदी। जिले में नए शराब के ठेकेदार के द्वारा ठेका लेने के बाद से पूरे जिले में अवैध शराब का धंधा फलफूल रहा है। ठेकेदारों के द्वारा अपने अपने एरिया के गांवों में खुलेआम शराब बिकवाई जा रही है। दुकानों पर प्रिंट रेट से ज्यादा कीमत पर शराब बेची जा रही है। इसके अलावा शराब के बिल भी नहीं दिए जा रहे हें। जिसको लेकर जनता में काफी आक्रोश देखा गया है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार आबकारी अधिकारी संरक्षण में यह अवैध शराब का कारोबार धड़ल्ले से चल रहा है। छतरपुर कलेक्टर संदीप जी आर के ईमानदार होने के बावजूद भी आबकारी विभाग का पूरा अमला अवैध शराब का व्यापार करने वालों को संरक्षण दिए हुए है। वहीं दूसरी ओर थानों में पदस्थ थाना प्रभारियों के द्वारा अवैध शराब बेचने के एवज में ठेकेदारों से मंथली रकम वसूल की जा रही है। पूरे जिले में गांव गांव में अब खुलेआम शराब का कारोबार चल रहा है। जो कि एक चिंता का विषय है। पहले भी शराब के ठेके होते थे परंतु ऐसा कभी नहीं हुआ कि गांव गांव में खुलेआम शराब बेची गई हो। एक ठेकेदार ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि छतरपुर शहर में ठेकेदारों की प्रतिस्पर्धा के चलते शराब खुलेआम बिक रही है और ऊंचे दामों पर भी बेची जा रही है। जबकि छतरपुर जिले से लगे हुए उप्र के क्षेत्र में शराब की कीमतें कम होने के कारण अधिकांश शराब उप्र की सप्लाई की जा रही है जिससे सरकार को मिलने वाली ड्यूटी की चोरी हो रही है। समय रहते यदि प्रशासन ने सख्त कार्यवाही नहीं की तो आने वाले समय में कोई अप्रिय घटना शहर में घट सकती है।