सतना दर्पण

नगर परिषद कोठी में निंदा प्रस्ताव

सीएमओ नहीं, मंत्री पर है जिम्मेदारी

कोठी l बहुत वर्षों का जनता का धीरज निंदा प्रस्ताव के रूप में कोठी नगर परिषद में सामने आया l जनता का दबाव पूरी तरह से सामने आ गया पिछले दशकों से नगर परिषद सहित विधानसभा, लोकसभा, प्रदेश और देश में भाजपा की सरकार है लेकिन जिस तरह से जनता की प्राथमिक जरूरत को नजर अंदाज कर शासन, सत्ता दबाव कर राजनीति कर रही है उससे अब जनता सामने आकर विरोध कर रही हैl जिसका जीता जागता उदाहरण कोठी की धीर गंभीर जनता ने अपने पार्षदों और प्रतिनिधियों पर दबाव बनाकर के मुख्य नगर पालिका अधिकारी के खिलाफ निंदा प्रस्ताव लाने पर मजबूर कर दिया l परंतु यह सोचने का विषय है की जिस विधानसभा में स्वयं नगरीयनिकाय विभाग के जनप्रतिनिधि मंत्री पद पर आसीन हो और उस विधानसभा में एकमात्र नगर परिषद कोठी के रूप में है, वहां पर किस तरह से लोगों में असंतोष है, इससे पूरे मध्य प्रदेश की तस्वीर उजागर होती है l
अगर इतने वर्षों से और एक से ज्यादा नगर परिषद का प्रभार सीएमओ के पास है तो यह क्षेत्रीय लोगो पर स्थानीय विधायक मंत्री श्री प्रतिमा बागरी जी की संवेदनशीलताकितनी है प्रदर्शन करती है l
मुख्य नगर पालिक अधिकारी पूजा द्विवेदी लगातार अपने स्वास्थ्य को लेकर कहीं ना कहीं अनुपस्थित रहती है जिसके कारण निश्चित रूप से आम जनता के कार्यों में भी व्यवधान हो रहे हैं और जब प्रमुख व्यक्ति अधिकारी अपने कार्यालय में नहीं पहुंच पाएगा तो निश्चित रूप से वहां पर भ्रष्टाचार अमानक कार्यों की बाढ़ जरूर आ जाएगी जो कोठी नगर परिषद में दिख रही है l इसमें पूर्ण रूप से मध्य प्रदेश शासन की मंत्री एवं स्थानीय विधायक प्रतिमा बागरी जिम्मेदार हैं जिन्हें जनता की समस्याओं से कोई लेना-देना नहीं है, वह तो राजधानी में ही सीएमओ को बुलाकर अपनी मीटिंग तय कर लेती हैं जबकि उन्हें इतना महत्वपूर्ण समय मिला है की नगर परिषद कोठी में क्षेत्र के लोगों के बीच में बैठकर के और यहां के कार्यों की रूपरेखा तय करनी चाहिए और उसमें गति लाना चाहिए l लेकिन सभी जानते हैं कि भाजपा की कथनी और करनी में कितना अंतर होता है l प्रदेश के मंत्री के लिए सीएमओ कोई बड़ा विषय नहीं है लेकिन वह इतने वर्षों से हैं और उनके जो कार्यशैली है सभी वाकिफ है इसके बावजूद वह लगातार कोठी में पदस्थ हैं और उनकी कार्यशैली में कोई बदलाव नहीं आना निश्चित रूप से शासन सत्ता के इशारे पर ही वह कार्य कर रही हैं और आज भी जो कार्य पूर्व में प्रस्तावित हैं वही कार्य हो रहे हैं l जनता को जनप्रतिनिधियों के सामने अपने अधिकार के साथ सामने आना चाहिए और जनप्रतिनिधियों को रोक कर काम करने पर मजबूर करना होगा क्योंकि जनता ही जनार्दन है,,,,,,

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