जबलपुर दर्पणमध्य प्रदेश

कृषि उपज मंडियों और सहकारी समितियों के लंबित चुनाव हो तत्काल : तरूण भानोट

जबलपुर दर्पण। पिछले चार वर्षों से प्रदेश के कृषि उपज मंडियों एवं सहकारी समितियों के अध्यक्ष एवं कार्यकरिणी का चुनाव लंबित हैं | चुनाव न होने के कारण वर्ष 2019 से ही प्रशासक ही कृषि उपज मंडियों और सहकारी समितियों का कार्य देख रहे हैं और मंडी और सहकारी समितियों मे निर्वाचित प्रतिनिधि न होने के कारण प्रदेश के किसानों को कई तरह की कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा हैं, जिसका सुध लेने वाला कोई नहीं हैं | उक्त आरोप प्रदेश सरकार में पूर्व वित्त मंत्री एवं जबलपुर पश्चिम से विधायक तरुण भनोत द्वारा मुख्यमंत्री को प्रेषित पत्र के माध्यम से लगाया गया हैं। उल्लेखनीय हैं कि जबलपुर में चार कृषि उपज मंडिया हैं जिनमे विजय नगर, पाटन, सिहोरा एवं शहपुरा कृषि उपज मंडी शामिल हैं | इन मंडियों में अध्यक्ष एवं उपाध्यक्ष का आखिरी चुनाव वर्ष 2013 में हुआ था और पाँच साल पूरा होने के बाद भी नई बॉडी का निर्वाचन अब तक नहीं हुआ हैं, जिसके कारण मंडियों और किसानों के बीच का समन्वय मे संतुलन बनाना कठिन हो गया हैं | मंडी एवं सहकारी समितियों में प्रशासक की नियुक्ति के कारण किसानों को कृषि कार्यों हेतु ऋण प्रदान करना, सार्वजनिक वितरण प्रणाली, खाद-बीज के दुकानों के संचालन के साथ ही समर्थन मूल्य पर उनकी उपज को खरीद करने जैसी बुनियादी समस्याओं का निराकरण नहीं हो पा रहा हैं। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को प्रेषित पत्र के माध्यम से बताया कि हमारे प्रदेश के अन्नदाता वर्तमान में आजादी के बाद सबसे कठिन दौर से गुजर रहे हैं | कृषि क्षेत्र में निजी कंपनियों के बढ़ते हस्तक्षेप के कारण हमारे सीमांत और छोटे किसानों के सामने अप्रत्याशित प्रतिस्पर्धा खड़ी कर चुके हैं, जिसका सामना करना सीमांत एवं छोटे किसानों के लिए नामुमकिन होता जा रहा हैं | छोटे एवं सीमांत किसानों को समृद्ध बनाने के लिए शासकीय संरक्षण के साथ ही खाद-बीज, कृषि कार्य हेतु ऋण उपलब्ध कराने के साथ ही उनकी उपज का उचित समर्थन मूल्य दिया जाना बेहद आवश्यक हैं, अन्यथा निकट भविष्य में छोटे एवं सीमांत किसानों की बड़ी आबादी कृषि कार्यों को छोड़ रोजगार हेतु पलायन करने पर मजबूर होगा। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को प्रेषित पत्र के माध्यम से आग्रह किया कि हमारे अन्नदाताओं को भी लोकतान्त्रिक रूप से मजबूत करने और उनके प्रतिनिधित्व को सशक्त करने की दिशा मेइन पहल करते हुए प्रदेश मे लंबित मंडी एवं सहकारी समितियों के चुनाव तत्काल प्रभाव से कराने हेतु कार्यवाही किया जाना चाहिए।

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