जबलपुर दर्पणमध्य प्रदेश

औद्योगिक क्षेत्रों में नहीं लग सकेगा संपत्ति कर

जबलपुर दर्पण। फेडरेशन ऑफ मध्य प्रदेश चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री एवं प्रदेश के अन्य औद्योगिक संगठनों की बहुप्रतीक्षित मांग पर औद्योगिक क्षेत्रों में स्थापित इकाइयों से नगर निगम द्वारा संपत्ति कर नहीं लिया जा सकेगा, यह कथन है फेडरेशन के उपाध्यक्ष हिमांशु खरे का। एक जानकारी में उन्होंने बताया कि मध्यप्रदेश शासन के सूक्ष्म लघु एवं मध्यम उद्यम विभाग के प्रमुख सचिव ने एक आदेश पारित कर प्रदेश की औद्योगिक इकाइयों जो कि प्रदेश शासन द्वारा स्थापित औद्योगिक क्षेत्रों में कार्य कर रही हैं उन्हें संपत्ति कर में छूट प्रदान की गयी है।

उल्लेखनीय है कि कई वर्षों से यह मांग समस्त उद्योग जगत द्वारा की जा रही थी और सम्पूर्ण प्रदेश में औद्योगिक क्षेत्रों में कार्यरत उद्यमियों में इस विषय को लेकर तमाम संशय की स्थितियां बनी हुई थी. मध्यप्रदेश नगर पालिका अधिनियम 1961 की धारा 127 क की कंडिका (2) के अनुसार, केंद्रीय शासन, राज्य शासन एवं नगरीय निकायों के आधिपत्य में सम्पत्तियों पर संपत्ति कर लागू नहीं होगा। औद्योगिक क्षेत्रों में औद्योगिक भूखंडों को मध्य प्रदेश शासन के उद्योग विभाग द्वारा एक निश्चित अवधि के लिए लीज प्रदान की जाती है, चूँकि लीज प्रदायकर्ता शासन है अतः उक्त भूखंड का स्वामित्व शासन का है एवं उद्यमी मात्र लीज धारक है जो कि उद्योग विभाग को संधारण शुल्क अदा करते हैं। औद्योगिक क्षेत्रों के रखरखाव की ज़िम्मेदारी उद्योग विभाग की है जिसकी एवज में विभाग एक तय शुल्क भूखंड एवं संपत्ति के क्षेत्रानुसार सभी उद्यमियों से वसूलता है अतः नगरीय निकायों को औद्योगिक क्षेत्रों में स्थापित उद्योगों से संपत्ति कर नहीं लेना है।

फेडरेशन ऑफ मध्य प्रदेश चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के अध्यक्ष डॉ राधाशरण गोस्वामी, उपाध्यक्ष हिमांशु खरे, अशोक कपूर, राजीव अग्रवाल, अरुण पवार आदि कार्यसमिति सदस्यों ने उपरोक्त अध्यादेश पर हर्ष व्यक्त किया है जो कि उद्यमियों के लिए हितकारी होगा।

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