वैसे दिसंबर के बाद जनवरी आता है..नया साल नहीं!!
जबलपुर दर्पण ब्यूरो। हिंदू नव वर्ष 2023, विक्रमी संवत 2080, बुधवार 22 मार्च 2023 व प्रतिपदा तिथि 21 मार्च 2023 रात 10:53 बजे को है। इसी तरह प्रतिपदा तिथि समापन 22 मार्च 2023 को रात 08:21 बजे से होना बताया गया है। गौरतलब है कि नव वर्ष पूरे विश्व में एक उत्सव के रूप में मनाया जाता है, विश्व में अलग-अगल स्थानों पर नव वर्ष की तिथि भी अलग-अगल होती है। विभिन्न सम्प्रदायों के नव वर्ष समारोह भी भिन्न-भिन्न होते हैं और इसके महत्त्व की भी विभिन्न संस्कृतियों में परस्पर भिन्नता है। भारत में भी नव वर्ष के तिथियों में भिन्नता है, अलग-अगल राज्यों में या ऐसा कहा जाये कि अलग-अलग समुदाय में नव वर्ष के तिथियों में भिन्नता है। उत्तर भारत के हिन्दू समुदाय में नव वर्ष चैत्र की शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा को नव वर्ष का उत्सव मनाया जाता है। इस साल यह तिथि 22 मार्च 2023 के दिन है। हिन्दू धर्म में इस दिन को वर्ष का सबसे शुभ दिन माना जाता है, हिन्दू नव वर्ष एक उत्सव का दिन होता है। हिन्दू नव वर्ष चैत्र मास की शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा मनाते है, इसके पिछले कई ऐतिहासिक महत्व है। यह त्योहार पौराणिक दिन से जुड़ा हुआ है इस दिन भगवान ब्रह्मा ने सृष्टि का निर्माण किया था। इसमें मुख्यतया ब्रह्माजी और उनके द्वारा निर्मित सृष्टि के प्रमुख देवी-देवताओं, यक्ष-राक्षस, गंधर्व, ऋषि-मुनियों, नदियों, पर्वतों, पशु-पक्षियों और कीट-पतंगों का ही नहीं, रोगों और उनके उपचारों तक का भी पूजन किया जाता है। इसी दिन से नया संवत्सर शुरू होता है, अत इस तिथि को ‘नवसंवत्सर‘ भी कहते हैं। बताया जाता है कि इसी दिन के सूर्योदय से ब्रह्माजी ने सृष्टि की रचना प्रारंभ की, सम्राट विक्रमादित्य ने इसी दिन राज्य स्थापित किया। इन्हीं के नाम पर विक्रमी संवत् का पहला दिन प्रारंभ होता है। प्रभु श्री राम के राज्याभिषेक का दिन यही है। शक्ति और भक्ति के नौ दिन अर्थात् नवरात्र का पहला दिन यही है। राजा विक्रमादित्य की भांति शालिवाहन ने हूणों को परास्त कर दक्षिण भारत में श्रेष्ठतम राज्य स्थापित करने हेतु यही दिन चुना, युधिष्ठिर का राज्यभिषेक भी इसी दिन हुआ था।