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स्वास्थ्य क्षेत्र मे भी मध्यप्रदेश पूरे देश मे फिसड्डी साबित हुई : तरुण भनोत

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नैशनल हेल्थ स्टैटिक्स 2021-22 के अनुसार प्रदेश की गिरती स्वास्थ्य सेवाओं पर सार्वजनिक हुए रिपोर्ट पर पूर्व वित्त मंत्री ने निराशा व्यक्त की

जबलपुर दर्पण। प्रदेश मे अनैतिक रूप से निर्वाचित जनप्रतिनिधियों की खरीद-फरोख्त कर भारतीय जनता पार्टी ने प्रदेश मे कांग्रेस सरकार को निष्क्रिय कर प्रदेश की सत्ता मे काबिज होने मे सफल हो गई किन्तु कोरोनाकाल की भिवस्तता और उस दौरान प्रदेश मे मची चीख-पुकार ने भाजपा सरकार के 15 वर्षों के कुशासन और स्वास्थ्य क्षेत्र मे उदासीनता का जीवंत परिणाम था | प्रदेश मे भाजपा शासनकाल के दौरान स्वास्थ्य, शिक्षा और इंफ्रास्ट्रक्चर जैसे महत्वपूर्ण और बुनियादी जरूरतों पर सरकार ने जनता के टैक्स के पैसों पर करोड़ों-अरबों रुपये का इवेंट कर केवल घोषणाएं की है, किन्तु यदि उन घोषणाओं को ईमानदारी से धरातल पर उतारा जाता तो निश्चित रूप से नैशनल हेल्थ स्टैटिक्स 2021-22 की रिपोर्ट मे दर्ज प्रदेश की स्वास्थ्य-सेवाओं के रसातल मे जाने की ऐसी चिंता नही जताई जाती | उक्त आरोप प्रदेश सरकार मे पूर्व वित्त मंत्री एवं जबलपुर पश्चिम से विधायक श्री तरुण भनोत ने नैशनल हेल्थ स्टैटिक्स 2021-22 के माध्यम से स्वास्थ्य क्षेत्र मे प्रदेश की चिंताजनक स्थिति को लेकर लगाया गया है |
श्री भनोत ने बताया कि प्रदेश मे जहां एक तरफ चिकित्सकों की भारी कमी है वही दूसरी तरफ जनसंख्या के अनुरूप स्वास्थ्य केंद्रों की भी भारी कमी है | नैशनल हेल्थ स्टैटिक्स 2021-22 के रिपोर्ट के अनुसार 5000 से 7000 की आबादी पर एक उप स्वास्थ्य केन्द्र, 40000-50000 की आबादी पर एक प्राइमेरी हेल्थ सेंटर एवं 1-2 लाख की आबादी पर एक सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र है जो वर्ष 2005 की तुलना मे पिछले 17-18 वर्षों मे उप स्वास्थ्य केंद्रों मे वर्ष 2022 तक 8.2% और प्राइमेरी हेल्थ सेंटर मे 7.3% की मामूली वृद्धि दर्ज की गई है | रिपोर्ट ने यह भी बताया है कि प्रदेश के विभिन्न स्वास्थ्य केंद्रों मे विशेषज्ञ डॉक्टरों के 95% पद खाली पड़ी हुई है जो पूरे देश मे सर्वाधिक है |
श्री भनोत ने बताया कि प्रदेश के पढे-लिखे नौजवान बेरोजगारी की मार झेल रहे है और प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्र मे स्वास्थ्य क्षेत्र मे कार्य करने वाली महिला एएनएम के 729 से अधिक पद अब भी खाली पड़ी है, प्राइमेरी हेल्थ सेंटर मे 315 से अधिक चिकित्सकों के पद खाली पड़ी है | रिपोर्ट के अनुसार विशेषज्ञ चिकित्सकों मे जिनमे सर्जन, ज्ञानकोलोजिस्ट, फिजीशियन, एवं बच्चों के डॉक्टरों मे 1127 पद खाली पड़े है | इसी तरह रेडियोग्राफर्स के 274, फार्मसिस्ट के 346, लेबोरेट्री टेक्निशियन के 447 तो वही नर्सिंग स्टाफ की स्वीकृत पदों मे भी भारी रिक्तता बेहद चिंता का विषय है |
श्री भनोत ने नैशनल हेल्थ स्टैटिक्स 2021-22 की रिपोर्ट पर चिंता व्यक्त करते हुए बताया कि एक तरफ प्रदेश सरकार अप्रवासी भारतीयों को आमंत्रित कर हजारों-करोड़ों रुपये का ग्लोबल इन्वेस्टर मीट कर अपना चेहरा चमकाने मे लगी है और दूसरी तरफ केंद्र सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा प्रदेश मे खस्ताहाल होती ग्रामीण स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर विस्तृत रिपोर्ट सार्वजनिक की जा रही है |

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