शिक्षक को प्रताड़ित ना किया जावे
शिक्षकों से छीना जा रहा साप्ताहिक अवकाश का दिन
जबलपुर दर्पण। मध्यप्रदेश अधिकारी कर्मचारी संयुक्त संगठन के जिला अध्यक्ष दिलीप सिंह ठाकुर द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार शासन के लगभग सभी विभागों में पांच दिवसीय कार्यालय संचालित हो रहे हैं। वहीं स्कूलों में 6 दिवसीय स्कूल/कार्यालय संचालित हो रहे है और तो और सातवें दिन (रविवार ) भी शासन की विभिन्न सर्वोच्च प्राथमिकता वाले अन्य कार्य जैसे साक्षरता- नवसाक्षरों की परीक्षा,साक्षरता कक्षाओं के संचालन की जानकारी , विकास यात्रा, मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना, वैक्सीनेशन एवं विभिन्न चुनाव ड्यूटी इत्यादि कार्य भी शिक्षकों से करवाये जा रहे हैँ । मध्यप्रदेश अधिकारी कर्मचारी संयुक्त संगठन के जिला अध्यक्ष दिलीप सिंह ठाकुर ने बताया कि शिक्षक शासन के विभिन्न सर्वोच्च प्राथमिकता वाले समस्त कार्य में सालभर सहयोग करते हैं। ध्यान देने वाली बात ये है कि विभिन्न विभागों में पदनाम/ प्रमोशन दिया जाता है और क्रमोन्नती भी 10-20 एवं 30 वर्षों में दीं जाती है जबकि प्रदेश के सबसे बड़े विभाग शिक्षा विभाग में क्रमोन्नती 12-24 एवं 30 वर्षों में दीं जाती है और तो और पदनाम/प्रमोशन तो 30 से 35 वर्षों की सेवा के उपरांत भी नहीं मिला। हज़ारों शिक्षक तो बिना पदोन्नति (प्रमोशन) के ही सेवानिवृत्त हो गए हैं। मध्यप्रदेश अधिकारी कर्मचारी संयुक्त संगठन के जिला अध्यक्ष दिलीप सिंह ठाकुर के अनुसार समय-समय पर विभाग द्वारा नित नये फरमान जारी कर दिये जाते हैँ,जैसे विभिन्न परीक्षा ड्यूटी, प्रशिक्षण शिविर में सहभागिता,नवसाक्षरों की साक्षरता -परीक्षा ड्यूटी आदि… क्या उपरोक्त सभी कार्यों का आयोजन रविवार (सातवेँ दिन ) को शिक्षको को प्रताड़ित करने के लिए जानबूझकर किया जाता है…?
मध्यप्रदेश अधिकारी कर्मचारी संयुक्त संगठन के दिलीप सिंह ठाकुर, अरविन्द विश्वकर्मा, जी आर झारिया, भास्कर गुप्ता, ऋषि पाठक, दुर्गेश खातरकर, विश्वनाथ सिंह, अजब सिंह, इमरत सेन, सुल्तान सिंह, देवराज सिंह, आकाश भील, अफ़रोज़ खान, नितिन तिवारी, कमलेश दुबे, महेश मेहरा, विष्णु झारिया, विशाल सिंह, आदेश विश्वकर्मा, राशिद अली, पवन सोयाम,डेलन सिंह,रामकिशोर इपाचे, रामदयाल उइके, राकेश मून,चंद्रभान साहू, अंजनी उपाध्याय, भोगीराम चौकसे, गंगाराम साहू, पंकज जैन, सुधीर गौर, सतीश खरे, पुष्पा रघुवंशी, चंदा सोनी, ब्रजवती आर्मो, अर्चना भट्ट, रेनू बुनकर, शबनम खान, अम्बिका हँतिमारे, सुमिता इंगले, शायदा खान, प्रेमवती सोयाम, राजेश्वरी दुबे, गीता कोल, सरोज कोल इत्यादि ने शासन प्रशासन से मांग की है,कि शिक्षकों को मानसिक एवं शारीरिक प्रताड़ित ना किया जाये। सप्ताह में अवकाश के निर्धारित दिन रविवार को साप्ताहिक अवकाश दिवस ही रहने दिया जावे उसे कार्य दिवस में उपयोग में ना लाया जावे तथा अन्य विभागों के समान पदनाम, पदोन्नति (प्रमोशन ) एवं क्रमोन्नती का लाभ प्रदान किया जावे साथ ही साथ शिक्षकों के साथ सहयोगात्मक व्यवहार किया जावे।