सालों से जमे पुलिस कर्मियों को कोन दिखाएगा जिले से बाहर का रास्ता
रवि दुबे पुलिस कर्मी कोन से सीक्रेट मिशन की वजह से,हमेशा रहता है सिविल ड्रेस में
पाटन/जबलपुर दर्पण। जिले की पाटन तहसील में पुलिस के संरक्षण में तरह-तरह की अवैध गतिविधिया चल रही है। गौरतलब है कि जिले के पाटन मुख्यालय के नगर एवं ग्रामीण इलाकों में खुली चाय पान की टपरी पर सट्टा खिलाने के साथ साथ अवैध शराब भी ग्राहकों को परोसी जा रही है जिसकी वजह से पुलिस की कार्यप्रणाली पर भी सवालिया निशान लग रहे है। पाटन थाना क्षेत्र में सट्टा गांजा नशीले पदार्थ अवैध शराब की बिक्री पुलिस के लिए एक चुनौती ना बनकर पुलिस के लिए यह वरदान साबित हो रही है। इन अवैध कार्यों में लिप्त कारोबारियो को राजनैतिक दलालों का भी संरक्षण मिला हुआ हैं। जिसकी वजह से अवैध कार्य नगर में एक उद्योग के रूप में संचालित हो रहा है जिस पर पुलिस प्रशासन मौन हैं। नगर के बुद्धिजीवी वर्ग का ऐसा मानना है कि जब तक नगर में अवैध गतिविधियों जैसे अवैध शराब जुआ सट्टा खिलाने वाले असामजिक तत्व के खिलाफ कड़ी कार्रवाई इसलिए कभी नही हो सकती जब तक ऐसे भ्रष्ट पुलिस कर्मी जो पाटन थाने में आठ-दस साल से जमे हुए है। ज्ञात हो कि पाटन तहसील जिले में अवैध गतिविधियों के लिए जिले से लेकर प्रदेश स्तर पर चर्चित है। गौरतलब है नगर की कुछ होटलों में सफेद पोश राजनीतिक की आड़ में बाहरी युवतियों से देह व्यापार की आड़ में युवा पीढ़ी को बर्बाद करने पर आमादा है। वही नगर में गांजा भी एक उद्योग के रूप में गांव से लेकर मोहल्ले तक में बेखोप बिक रहा है जो पाटन पुलिस को दिखाई नहीं देता है। क्योंकि नगर के अवैध कारोबारियो ने इनके चसमें में नोटों की मोटी परत चढ़ा रखी है। यही वजह है कि तहसील में नशे के सौदागरो से आमजन में असंतोष बढ रहा है इस पर पाटन पुलिस से बड़ी कार्रवाई की अपेक्षा करना व्यर्थ है।
क्या नगर को कभी “अवधेश तिवारी” जैसा थाना प्रभारी मिलेगा.?
पूर्व में अवधेश तिवारी ने पाटन थाने की कमान संभालते ही अवैध कारोबार में लिप्त अपराधियों पर ताबड़तोड़ कार्यवाही करके माफियाओं की कमर तोड़ दी थी। नशे के कारोबार पर अंकुश लगाने में श्री तिवारी ने सफलता प्राप्त कर ली थी। बताया जाता है की थाना प्रभारी की बुलेट नगर के जिस रास्ते से निकलती थी उस रास्ते में चलने वाले शराब में धुत बेबड़ो की शराब का पूरा नशा थाना प्रभारी की बुलेट की आवाज सुनकर ही उतर जाता था आज पाटन थाना क्षेत्र की कानून व्यवस्था बेपटरी हो गई है। पाटन थाना क्षेत्र में चोरों के हौसले इस समय बुलंद हैं क्योंकि यहां की पुलिस निष्क्रिय हो गई है। इसलिए वर्तमान स्थिति को देखते हुए अवधेश तिवारी जैसा निडर, जाबाज थाना प्रभारी की नगर को बहुत जरूरत है।
एक ऐसा पुलिस कर्मी जिसे नगर वासियों ने कभी पुलिस वर्दी में नहीं देखा।
प्राप्त जानकारी के मुताबिक पाटन थाने में पदस्य पुलिस कर्मी रवि दुबे पिछले छःसात सालो से अंगद के पैर की भाती थाने में जमे हैं। बताया जाता है की पाटन थाने में पोस्टिंग दिनाक से लेकर आज दिनांक तक नगर एवं ग्रामीण इलाकों के लोगों ने इस पुलिस कर्मी को कभी भी पुलिस वर्दी में नहीं देखा है। पुलिस अधीक्षक के निर्देश पर पूर्व में इनके ट्रांसफर के आदेश निकल चुके थे लेकिन इनकी ऊंची पकड़ एवं नवागत थाना प्रभारी की वजह से ये आज तक पाटन थाने में तैनात है। सूत्र बताते है की पाटन थाने का वित्त विभाग रवि दुबे नाम के पुलिस कर्मी के पास है। किसको जुआ सट्टा खिलाने तथा गांजा अवैध शराब की बिक्री करने का थाना क्षेत्र में पुलिस संरक्षण देना है उसकी कीमत यही पुलिस कर्मी तय करते है उक्त राशि का कलेक्शन भी इन्ही के द्वारा थाना स्तर पर किया जाता है। उसके बाद ही उक्त राशि का बंदरबाट किया जाता है। ग्रामीणों ने रवि दुबे को हमेशा ही सिविल ड्रेस में देखा है। इनको नगर वासियों ने आज तक पुलिस यूनिफॉर्म में नहीं देखा है। क्या वजह है यह बात समझ से परे है।
सट्टा खिलाने वालो पर मेहरबान पाटन पुलिस
सूत्र बताते है की सप्ताह भर पहले कमानिया गेट के नजदीक अंडा मुर्गा मटन बेचने वाली दुकान से हिमांशु सचदेवा को सट्टा-पट्टी लिखते हुए पुलिस ने रंगे हाथों पकड़ा था और 04 हजार रुपए भी पुलिस ने बरामद किए थे। सूत्र बताते हैं कि पुलिस ने उक्त मामले को 15 हजार रुपए लेकर रफा-दफा कर दिया।
थाना क्षेत्र में बाईक चोरी एवं बकरी चोरी का खुलासा करने में पाटन पुलिस नाकाम
बताया जाता है की थाना क्षेत्र में पिछले कुछ महीनों में सिविल कोर्ट परिसर,जनपद पंचायत कैंपस,नगर परिषद तथा सिविल लाइन क्षेत्र के साथ साथ ग्वारी गांव,पवई,उड़ना से भी कई मोटर साइकिल चोरी हुई थी इसके अलावा ग्राम चपोध से 30 से 35 नग बकरी तथा ग्राम कोनी से भी लगभग इतनी ही संख्या में बकरी चोरी की वारदात हो चुकी है घटना का तरीका भी लगभग मिलता जुलता है पहले ग्राहक बनकर आरोपी सौदा करने गांव आए और कीमत ऐसी बोली की सौदा नहीं हुआ और एक दो दिन में पूरी बकरी चुरा ले गए चोर। फरियादी द्वारा बकरी चोरी की रिपोर्ट दर्ज कराने थाने पहुंचे तो पुलिस कर्मियों ने सादे कागज पर शिकायत लिखवाकर उसे रद्दी की टोकरी में फेक दिया ऐसा ही कुछ मोटर साइकिल चोरी की रिपोर्ट दर्ज कराने आए फरियादी के साथ पाटन पुलिस ने किया है। अब सवाल उठता है की पाटन थाने में तैनात पुलिस अधिकारी, कर्मचारी आम नागरिकों की जान माल की सुरक्षा के लिए काम करते है या फिर चौबीस घंटे सिर्फ अवैध वसूली पर पाटन पुलिस का फोकस रहता है। यदि पाटन में अवैध गतिविधियों पर नकेल कसनी है तो सबसे पहले पाटन थाने में तीन वर्ष से अधिक समय से जमे पुलिस कर्मियों को जिले से बाहर का रास्ता दिखाना पड़ेगा। तभी थाना क्षेत्र में अवैध गतिविधियों में लिप्त माफियाओं पर नकेल कसी जा सकती है।