SP और खनिज अधिकारी थोप रहे है एक दूसरे पर जिम्मेदारी।

जप्ती वाहनों को पर खड़े करने का मामला।
गाडरवारा। देश में जब कोई व्यक्ति किसी परेशानी में होता है तो वह पुलिस के पास जाता है और अधिकारियों से न्याय मांगता है व न्याय की गुहार लगाता है । संशोधित वाहन अधिनियम लागू हो गया है. पूरे भारत में लागू इस अधिनियम को कड़ाई से पालन कराया जा रहा है. इस अधिनियिम को पालन कराने में अहम जिम्मेदारी पुलिसवालों की है, लेकिन क्या खुद पुलिसवाले इस नियम को मान रहे हैं? क्या उन्हें यातायात नियमों को मानने से गुरेज है?
कोरोनकाल में भी कोरोना वारियर्स के रूप में दिन रात काम करने वाली पुलिस ने कोरोना वारियर्स बनकर दिन रात अपनी सेवाएं दी है व जनता का भी पुलिसकर्मियों को पूरा समर्थन मिला है लेकिन लॉक डाउन खुलते ही अवैध धंधों की धड़ पकड़ तेज हो गई है इसी कड़ी में नरसिंहपुर जिले व गाडरवारा की पुलिस दर्जनों रेत से भरे डम्फरों ट्रकों व ट्रैक्टरों को पकड़ने का कार्य कर रही है जिससे अवैध धंधों में लगाम लग सके और ओर यातायात व्यवस्था सुचारू रूप से पटरी पर चलती रहे ।
गाडरवारा पुलिस प्रशासन खुद ही उड़ा रहा यातायात नियमो की धज्जियाँ
कोरोना माहमारी से बचने के लिए प्रदेश सरकार की तरफ़ से कई नियम लागू किये गए है । जिसमे बिना मास्क,हेलमेट के सड़कों पर निकलने वालों पर जुर्माने लगा रखा है । बाकायदा पुलिस नियम तोड़ने वालों से भारी भरकम दंड वसूल भी रही है । जनता की गुंडे मवालियों से रक्षा करने वाली पुलिस खुद ही यातायात नियमो को ताक पर रखकर यातायात नियमो की सरेआम धज्जियां उड़ा रहा है एवं राहगीरों के मौत का सामान बीच सड़क पर खड़े किए हुए है । जी हां हम बात कर रहे हैं गाडरवारा पुलिस प्रशासन की जो खुद ही यातायात को बाधित कर रहा है ।
शहर की यातायात व्यवस्था फिर लौटी पुराने ढर्रे पर
वर्तमान में शहर की यातायात व्यवस्था फिर से पुराने ढर्रे पर लौट आई है । पुलिस अनलॉक प्रारंभ होने के बाद पहले जैसी सक्रिय नहीं है । लॉकडाउन के दो माह से अधिक समय तक शहर की यातायात व्यवस्था बेहतरीन रही । ऐसा इसलिए क्योंकि लॉकडाउन के दौरान न के बराबर वाहन चले । शहर की पुलिस भी इस दौरान अपनी भूमिका में रही । अब अनलॉक के प्रारंभ होने से आम लोगों को विभिन्न प्रकार की छूट मिल चुकीं है । बिना पास के कहीं भी आने जाने की छूट मिलने के बाद शहर की यातायात व्यवस्था बिगड़ती जा रही है । यही वजह है कि शहर में जगह-जगह जाम लग रहा है व जाम की स्थिति पैदा हो रही है । सुबह से लेकर रात तक शहर के मार्ग वाहनों की बेतरतीब पार्किंग से घिरे रहते हैं ।
जप्ती किये गए वाहनों को ही खडा किया जा रहा है मेन रोड पर
वहीं बात करे गाडरवारा थाने के सामने सड़क पर खड़े बड़े बड़े हाइवा वाहनों की तो गाडरवारा शहर के बीचों बीच पलोटन गंज में रेत चोरी या अन्य मामलों में जप्ती किये गए वाहनों को गाडरवारा थाने के सामने सड़क पर भारी वाहनों के खड़े होने से लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है । किनारे खड़े बेतरतीब वाहन लोगों के लिए परेशानी का सबब बन गए हैं। बेतरतीब खड़े वाहनों से इस सड़क पर दिन के समय कई बार यातायात बाधित रहता है। इसके चलते यातायात बाधित होता ही है , पैदल चलने वालों को भी परेशानी उठानी पड़ती है । पुलिस यातायात शाखा व प्रशासन की अनदेखी के चलते इस मार्ग पर लंबे समय तक वाहन खड़े रहते है। यह मार्ग शहर का व्यस्तम मार्ग है । जिसके चलते वाहनों की रेलम-पेल लगी रहती है । वहीं झण्डा चौक , स्टेशन रोड या अन्य गांव व शहर के प्रमुख स्थानों को जाने के लिए भी इसी मार्ग का उपयोग होता है । सड़क पर वाहनों के खड़े होने से जाम के हालात बन जाते है । यह समस्या सुबह ओर देर शाम को गंभीर हो जाती है । इस समस्या को लेकर लोग वाहन चालकों में तू तू मैं मैं होती रहती है।
नियम-कानून का पाठ पढ़ाने वाले ही उड़ा रहें नियमों की धज्जियां
प्रदेश में बढ़ते कोरोना पॉजिटिव मरीज़ों की संख्या को लेकर शिवराज सरकार सख़्त दिखायी पड़ रही है। सड़कों पर बिना मास्क,हेलमेट के घूमने वालों से जुर्माना वसूला जा रहा है। मगर यहां खुद नियमों का पालन कराने वाली पुलिस ही नियमों की खुलेआम धज्जियां उड़ा रही है । जिले में पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों ने खुलेआम ट्रैफिक नियमों की धज्जियां उड़ा दी है. यातायात का नियम कानून बताने और सिखाने वाले खुद ही यातायात नियमों को ठेंगा दिखा रहे हैं । अगर कानून को लागू कराने वाले लोग ही कानून तोड़ेंगे तो उससे एक गलत संदेश लोगों के बीच जाएगा. पुलिसकर्मियों पर भी ट्रैफिक नियम लागू कराने की जिम्मेदारी होती है ।
अधिकारी कर रहे थाने में जगह कम होने का दावा
पुलिस विभाग के आला अधिकारी जनता को कानून का पाठ पढ़ाते नजर आते हैं मगर जब बात खुद नियमों का पालन कराने वालों वर्दीधारकों पर आती है तो ये स्टाप का हवाला देकर चुपके से यह कह कर बच जाते है कि थाने में जगह ना होने के कारण वाहनों को सड़क पर खड़ा किया जा रहा । ऐसे में सवाल उठता है की क्या कानून केवल जनता के लिए ही लागू होता है? क्या इन पुलिसकर्मीयों के लिए कोई कानून नहीं है?क्योंकि जनता गलती से भी यातायात नियमों का उल्लंघन करती है तो पुलिस जनता से जुर्माना वसूलती है । लेकिन अगर पुलिस ही नियम तोड़ती है , तो उनसे जुर्माना कौन वसूल करेगा ।
जब इस विषय मे वरिष्ठ अधिकारियों से चर्चा की जाती है तो उनके द्वारा यह कहा जाता है कि थाने में प्रयाप्त जगह ना होने के कारण जप्त किये वाहन सड़क पर खड़े करने पड़ते है सवाल यह भी उठता है कि क्या गाडरवारा शहर में कहीं भी शासकीय भूमि नही है जहां इन सड़क पर खड़े वाहनों को रहा जावे आपको बता दें कि जबलपुर दर्पण ने अनेकों बार इस विषय को लेकर आवाज बुलंद की है लेकिन कुर्सियों पर वैठे तानाशाह अधिकारियों की कानो तक मे जूं नही रेंगते और लगातार ट्रैफिक नियमो को दरकिनार करके सरेआम नियमो की धज्जियां उड़ाने से बाज नही आते बीच सड़क पर जप्ती के वाहनों को खड़ा करके वहां से निकलने वाले राहगीरों के लिए उनकी मौत का सामान खड़ा किये हुए है ओर लगातार सड़क किनारे खड़े वाहन राहगीरों की मौत को दावत देते नजर आ रहे हैं ।
इनका कहना है
यातायात बाधित होना गलत है । में कार्यवाही करवाता हूँ चूकि यह मामला खनिज विभाग से संबंधित है एवं उनके द्वारा वाहनों को जप्त करके थाने में खड़े करवाये जाते हैं ।
अजय सिंह पुलिस अधीक्षक नरसिंहपुर
वो मैटर पुलिस का है पुलिस को कहाँ खड़े करना है पुलिस अभिरक्षा में रहते है पुलिस जहां खड़ी करवाएगी हम लोग वहां उनको खड़े करेंगे । उनके पास जगह नही है वो उनका मैटर है उनको चौड़ी जगह में खड़ा करना चाहिए । थाने में प्रयाप्त जगह नही है इस बारे में हम पत्राचार करेगे टीआई महोदय से की वो एक जगह चिन्हित कर लें ताकि वाहन वहां खड़े हो सके । हम खुद ही नही चाहते कि पब्लिक को कोई समस्या हो ।
रमेश पटैल जिला खनिज अधिकारी नरसिंहपुर
आपके द्वारा मामले को मेरे संज्ञान में लाया गया है में अधिकारियों से बात करती हूँ ताकि इस समस्या से निजात जल्द हो सके ।