सुरक्षा नियमों की उड़ रही धज्जियां

बिना सुरक्षा उपकरणों के रेलवे ब्रिज पर काम कर रहे मजदूर
ग्राम सिमरिया के पास रेलवे विभाग द्वारा ओवरब्रिज का निर्माण कार्य किया जा रहा है, जो पिछले साल शुरू हुआ था। इस निर्माण कार्य में मजदूरों की सुरक्षा की अनदेखी की जा रही है। निर्माण एजेंसी द्वारा काम कर रहे मजदूरों को आवश्यक सुरक्षा उपकरण जैसे हेलमेट, सेफ्टी जूते, ग्लव्स और बेल्ट नहीं मुहैया कराए जा रहे हैं। मजदूरों ने हमारे संवाददाता से बात करते हुए बताया कि उन्हें काम करने के दौरान सुरक्षा के कोई साधन उपलब्ध नहीं कराए गए हैं। निर्माण एजेंसी के ठेकेदार द्वारा सुरक्षा उपकरणों की व्यवस्था न करने पर मजदूरों का कहना था कि उन्हें सिर पर हेलमेट, पैरों में जूते और हाथों में दस्ताने की आवश्यकता है, लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं दिया गया। जानकारों का मानना है कि इस तरह के निर्माण कार्यों में सुरक्षा के उपकरणों का होना अनिवार्य है। उच्च ऊंचाई पर काम करने वाले मजदूरों के लिए विशेष सुरक्षा उपकरण जैसे झूले और हेलमेट होना चाहिए, ताकि किसी भी प्रकार के दुर्घटना से बचा जा सके।निर्माण स्थल के पास रेलवे का गेट हर दिन खुलता है और ट्रेन के निकलने पर बंद हो जाता है, लेकिन यहां वाहनों के लिए किसी डायवर्जन मार्ग का निर्माण नहीं किया गया है। इसके कारण छोटे वाहन चालकों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है। विभाग द्वारा कच्ची सड़क का निर्माण कराया गया है, लेकिन इससे संबंधित किसानों को अभी तक कोई मुआवजा नहीं मिला है।निर्माण कार्यों में नियमानुसार मजदूरों को हेलमेट, दस्ताने, सेफ्टी जूते और अन्य सुरक्षा उपकरण उपलब्ध कराए जाने चाहिए। खासकर उंचाई पर काम करने वाले मजदूरों के लिए झूले का इंतजाम किया जाना चाहिए। लेकिन वर्तमान में ऐसा कोई भी सुरक्षा इंतजाम नहीं किया गया है, और जिम्मेदार अधिकारी इस पर ध्यान नहीं दे रहे हैं।