विकास अनियंत्रित हो जाए तो विनाश होता है : आचार्य श्री
विकास अनियंत्रित हो जाए तो विनाश होता है : आचार्य श्री
आयुर्वेद की दवाइयों की एक्सपायरी डेट नहीं होती।
जबलपुर। आचार्य विद्यासागर जी के चतुर्मास का लाभ संस्कारधानी के वासियों को हो रहा है और उनकी अमृतवाणी निरंतर आत्मज्ञान के पथ को प्रदर्शित कर रही है।
आचार्य गुरुवर श्री विद्यासागर जी महाराज ने पूर्णायु परिसर में रविवार की प्रवचन माला में कहा
विकास की बात हर क्षेत्र में हो रही है जब अच्छाई की ओर जाते हैं तो वह विकास है और यदि अनियंत्रित हो जाए तो विनाश हो जाता है , जैसे शरीर का विकास होना अत्यंत आवश्यक है लेकिन विकास के नाम पर बढ़ती चर्बी मनुष्य को विनाश की ओर ले जाती है, यानी विपरीत तत्वों का विकास ना हो यह सावधानी मानव शरीर में भी रखनी चाहिए और देश के विकास में भी ।
पूर्व राष्ट्रपति कलाम साहब कहते थे कि मैं भारत को विकासशील राष्ट्र नहीं मानता क्योंकि वह इस धारणा से कभी विकसित राष्ट्र नहीं बन पाएगा हमें विश्वास होना चाहिए हम प्रगति पथ पर है ।
क्या विकसित राष्ट्र यह बता पा रहे हैं की करोना कब आया , कब तक रहेगा, कब जाएगा नहीं वह दवाइयां भेज रहे हैं जिनमें पहले से ही एक्सपायरी डेट यानी उन दवाइयों की मृत्यु दिनांक लिखी होती है परंतु भारतीय आयुर्वेद 2000 वर्षों से हर तरह के इलाज मैं सक्षम है आयुर्वेद में कभी भी एक्सपायरी डेट नहीं होती बल्कि अनेक औषधियां समय के साथ ज्यादा उपयोगी हो जाती है , भारत में भोजन को ही औषधि माना जाता है यदि उत्तम, नियमित, शुद्ध भोजन किया जाए तो औषधि की आवश्यकता ही ना पड़े , आज विकसित देश भी इस भोजन पद्धति को अपनाने की राह पर है। भारतीय संस्कृति , ज्ञान, देश की शिक्षा नीति, चिकित्सा नीति का यदि पूरा उपयोग किया जाए तो हम विकसित राष्ट्र हो सकते हैं, जिसे कोई नकार नहीं सकता आज हम अपने हजारों वर्षों की संस्कृति, परंपरा और ज्ञान छोड़कर पाश्चात्य देशों की ओर भाग रहे इसीलिए विकसित नहीं विकासशील ही कहला रहे हैं ।
आज सुबह आचार्य भगवन की पूजन करने का परम सौभाग्य लार्डगंज जैन मंदिर ट्रस्ट कमेटी एवं लार्डगंज जैन मंदिर महिला परिषद को प्राप्त हुआ
साथ ही परम् तपस्वी आचार्य महाराज जी को पड़गाहन कर आहार कराने का परम सौभाग्य मनोज जैन (कुमार स्टोर्स) एवं उनके परिजनों को प्राप्त हुआ ।