शिव और शक्ति का एकाकार होना ही महाशिवरात्रि है…
सिहोरा कूम्ही सतधारा जबलपुर दर्पण
सिहोरा तहसील के कूम्ही सतधारा में प्रसिद्ध करचुली राजाओं के जमाने से सदियों पुराने कुंभेश्वर महादेव मंदिर, हनुमानटेकरी बजरंगबली शिवचबूतरा, नीलकंठ आश्रम, पथराहा घाट शिवचबूतरा, चकदही घाट सिद्धबाबा और बरगद टीला जैसे शिव धार्मिक स्थानों में सुबह से शाम तक शिव भक्तों की भीड़ लगी रही। मान्यता है कि सतधारा घाट कुंभेश्वर महादेव और हनुमानटेकरी के बजरंगबली शिवचबूतरा में जो लोग अपनी मनोकामना मांगते हैं, वह मनोकामना पूर्ण होती है। कुंभेश्वर महादेव मंदिर में भक्तों ने अभिषेक कर पूजा अर्चना किया। वहीं दूसरी तरफ हनुमानटकरी हनुमान समिति के दर्जनों नवयुवकों द्वारा हनुमानटेकरी के महादेव शिवलिंग पर गंगाजल से अभिषेक कर पूजा के साथ महाआरती किया।श्रद्धालुओं ने इन धार्मिक स्थानों में दूध, गंगाजल, बेर, चना, गेहूं, बेलपत्र, धतूरा, पुष्प, आदि सामग्री लेकर भक्ति से भोलेनाथ को अर्पित किया। महाशिवरात्रि के अवसर पर शिव धार्मिक स्थानों में दिनभर पूजा-अर्चना भक्तों द्वारा किया गया।