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शराब ठेकेदार द्वारा बेची जा रही है तय दामो से अधिक दाम पर शराब,दुकान पर चस्पा नही है रेट लिस्ट

शराब ठेकेदारों की मन मर्जी से खुलती और बंद होती है शराब दुकानें

जबलपुर दर्पण जबेरा ब्यूरो। मध्यप्रदेश में सरकार के द्वारा प्रत्येक गली नुक्कड़ में शराब परोसी जा रही है। इस वर्ष शराब के दामो में भारी कमी दर्ज की जा रही है। सरकार ने शराब के सारे उत्पादों पर दाम तय कर रखे हुए हैं। और एक सरल गाइड लाइन शराब ठेकेदारों को जारी की गई है जिसके तहत शराब ठेकेदारों को शराब बेचनी है। जैसे शराब दुकानों के सामने शराब के सारे उत्पादों का नाम लिखे तथा उनके सामने सरकार द्वारा तय किये गए दामो को लिखना अनिवार्य है।वही आज कल कुछ शराबी आधुनिक भी हो चले हैं जिनके द्वारा कभी कभी खरीदी गई शराब का पक्का बिल भी मांगते हुए देखा गया है इसलिए इस वर्ष सरकार ने बिल देने का भी अनिवार्य प्रावधान कर के रखा है। सरकार द्वारा शराब बिक्री के लिए दुकान खोलने एव बन्द करने का स्पष्ट उल्लेख कराया है। मगर इस गाइड लाइन के विपरीत तेंदूखेड़ा के शराब ठेकेदार देवेंद्र राय द्वारा खुले आम उल्लंघन किया जा रहा है। तेंदूखेड़ा तहसील कार्यालय के समीप खुली शराब दुकान जहा पर मध्यप्रदेश सरकार द्वारा तय किये गए शराब के दामो की रेट लिस्ट को चस्पा या टांगा नही गया है।ओर शराब ठेकेदार को इसका खूब फायदा हो रहा है क्योंकि देसी शराब के उत्पादों पर तय दामो से करीब 20 से 25 रुपये एवम अंग्रेजी शराब उत्पादों पर 45 से 50 रुपये प्रति पाव पर अधिक लिए जा रहे हैं। शराब ठेकेदार के इस रवैये से कुछ ब्यक्ति ना खुश हो गए और उन्होंने मध्यप्रदेश सरकार के शिकायती मंच 181 पर शिकायते दर्ज करवा दी। वही शराब दुकानों पर मागने पर भी शराब का बिल नही दिया जाता है जो गाइड लाइन का खुले आम मजाक उड़ाया जान पड़ता है।अगर इन्होंने बिल दे दिया तो ठेकेदार द्वारा जो अनैतिक कमाई की जा रही है वह बन्द हो जाएगी। 181 पर लगातार शिकायते होने पर भी आबकारी विभाग द्वारा कोई ठोस करवाही नही की गई अपितु आबकारी विभाग ने दबाव डालकर उन्हें बन्द कराने की भरपूर कोशिश की है। इसका मतलब आबकारी विभाग एवम ठेकेदार की मिलीभगत से रेट से अधिक दामो में शराब को बेचकर खुलेआम लूट मचाई जा रही है। शराब के कारोबार पर पूर्णरूप से समर्पित हो चुकी इस सरकार में शराबियों को खुले आम लुटा जा रहा है। इनका कहना आबकारी विभाग के अधिकारी अवध किसोर चौबे से इस बारे में बात की तो बताया कि इस सम्बंध में फोन पर बातचीत अच्छी नही है। आप कल कार्यालय में आकर बात करे अगर कोई बात है तो आप लिखित शिकायत करे कार्यवाही की जाएगी। वही शराब ठेकेदार देवेंद्र राय से इस सम्बंध में बात की तो उन्होंने गोल मोल जवाव दिया।

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