डिंडोरी दर्पणमध्य प्रदेश

जैविक विधि से खेती के फायदे, तीन महीने में चार फीट लंबी हुई धान की फसल

डिंडोरी, जबलपुर दर्पण ब्यूरो। जैविक विधि से खेती करने के किसानों को कई फायदे हैं, मात्र तीन महीने में चार फीट लंबी धान की फसल तैयार हो गई है। धान की फसल डीएसएस समिति के संकल्प का यह एक उदाहरण है कि रासायनिक मुक्त खेती बनाने एवं जैविकमय करने के लिए समिति लगातार अग्रसर है। बताया गया कि जैविक कृषि प्रशिक्षक व भारतीय किसान संघ डिण्डोरी के जिलाध्यक्ष बिहारी लाल साहू लगातार जिला व क्षेत्र के कृषकों को जैविक विधि से खेती करने के लिए प्रोत्साहित करते हुए गांव-गांव जाकर कृषकों को जैविक खेती करने का नि:शुल्क प्रशिक्षण भी दे रहे हैं।वर्तमान में खरीफ की फसल में जैविक पद्धति से बीजोपचार कर धान की नर्सरी लगा कर 16 दिनों में रोपाई की गई है थी, रोपाई में 1 से 2 पौधे ही लगाए गए थे, जिसमें मात्र 45 दिनों में ही धान की फसल 2 फिट की हो चुकी थी। धान के 1-2 पौधे में 20 शाखाएं आ चुकी है और अभी मात्र 91 दिनों मे ही 4 फिट धान की फसल लम्बी हो चुकी है। गौरतलब है कि खेती करने के दौरान सबसे पहले बीजोपचार, केचुआ खाद, जीवामृत, गोकृपा अमृत, एजोला और कीट नियंत्रण के लिये अग्नी अस्त्र जैसे जैविक तरल खाद का प्रयोग किया गया। यही कारण है कि इस साल धान की अच्छी पैदावार होने की संभावनाएं बनती नजर आ रही है। गौ आधारित नर्मदांचल जैविक कृषि फार्म बिहारी लाल साहू ने अपनी स्वयं की बोई गई धान की फसलों के बीच एजोला हरी खाद डाला है, जो आगामी गेंहू की फसल के लिए लाभदायक होने के साथ साथ भूमि में नत्रजन की मात्रा बढ़ेगी, भूमि उपजाऊ तथा स्वास्थ्य रहेगी साथ ही पोषक सूक्ष्मजीवों की मात्रा में वृध्दि होगी।

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