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राशन वितरण में इस्तेमाल ई-पाॅस मशीनों से चल रहा करोड़ों का घोटाला

डिंडोरी, जबलपुर दर्पण ब्यूरो। मध्य प्रदेश शासन द्वारा खाद्यान्न वितरण में धांधली व भ्रष्टाचार को रोकने के लिए प्रदेश के सभी उचित मूल्य की दुकानों में ई-पाॅश मशीन से राशन वितरण करवा रही है। जबकि इन्हीं ई-पाॅस मशीनों के मेंटेनेंस, रखरखाव व किराए के नाम पर करोड़ों का घोटाला चल रहा है। गौरतलब है कि ई-पाॅस मशीनों को शासन द्वारा राशन वितरण के लिए कंपनी से किराए में लिए गए हैं, जहां हर महीने करोड़ों के भुगतान किए जा रहे हैं। जिम्मेदार लोगों के द्वारा हर साल मशीनों की देखरेख व मेंटेनेंस के नाम पर कंपनियों को लाखों-करोड़ों का फायदा भी पहुंचाया जा रहा है। बताया गया कि मध्यप्रदेश में लगभग 2,500 से ज्यादा राशन की दुकान संचालित हो रहे हैं, जहां राशन वितरण के लिए पिछले 5 वर्षों से इस्तेमाल की जा रही ई-पाॅस मशीनों से हितग्राहियों को राशन का वितरण किया जा रहा है। हिसाब लगाया जाए तो प्रदेश में इन पांच वर्षों में किराए व मैटनेस के नाम पर कंपनी को करोड़ों रुपए भुगतान किए जा चुके हैं, जबकि इतने ही पैसे में ऐसे ही हजारों ई-पॉस मशीनें खरीदी जा सकती थी। लेकिन मिलीभगत करके जिम्मेदार लोगों के द्वारा कंपनी को हर साल करोड़ों रुपए का फायदा निजी स्वार्थों के चलते पहुंचाया जा रहा है, जिसे लेकर कई तरह के सवाल खड़े हो रहे हैं। जानकारी अनुसार प्रति क्विंटल कंपनी को शासन द्वारा 17 रूपए के दर से भुगतान किए जा रहे हैं, जबकि प्रदेश भर में ढाई हजार से ज्यादा राशन दुकानों से लाखों मेट्रिक टन राशन का वितरण हर साल किया जाता है। उल्लेखनीय है कि पिछले ढाई वर्षों से प्रधानमंत्री मंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत भी प्रदेश भर में लाखों मेट्रिक टन राशन वितरण का किया जा चूका है, और करोड़ों के भुगतान भी कर दिए गए हैं। इस हिसाब से कंपनी को हर साल किराए के नाम पर लाखों करोड़ों के भुगतान किए जा रहे हैं।

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