जबलपुर दर्पणमध्य प्रदेश

डबल-इंजिन की सरकार के हवा-हवाई दावे फिर भी नतीजा शून्य : तरुण भनोत

चुनावी साल में विकास के नाम पर पुनः जनता को खयाली सपने परोसने बजट के लिए मंत्रियों की दिल्ली-दौड़ पर पूर्व वित्त मंत्री ने किया कटाक्ष

जबलपुर दर्पण। प्रदेश में जिस प्रकार से जनता के द्वारा चुनी हुई एक सरकार को अनैतिक रूप से गिराया गया उसका गुस्सा आज भी प्रदेश की 7.5 करोड़ जनता में है | प्रदेश की आमजनता इस वर्ष के अंत में होने वाले प्रदेश के विधानसभा चुनाव में पिछले 19 वर्षों से शासन कर रही भाजपा और शिवराज सरकार को उखाड़ फेकने का मन बना चुकी है | शिवराज सरकार के कार्यकाल में प्रदेश के छात्र, नौजवान, किसान, मजदूर, आदिवासी, महिलाओं के साथ केवल शोषण किया गया और चुनावों मे झूठे वायदे और विकास का खोखला रोडमैप पेश कर जनता के साथ ठगी की गई और फिर चुनावी साल में जनता को गुमराह करने के लिए पुनः विकास के नाम पर झूठ परोसने की तैयारी की जा रही है, जबकि पिछले 19 वर्षों में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और उनके मंत्रियों के द्वारा 747 वादे और घोषणाएं ऐसी है जो अब भी लंबित है | प्रदेश सरकार में पूर्व वित्त मंत्री और जबलपुर पश्चिम से विधायक श्री तरुण भनोत ने भाजपा और शिवराज सरकार पर जनता के साथ वादाखिलाफी का आरोप लगाया है |
श्री भनोत ने बताया कि तत्कालीन कांग्रेस सरकार के दौरान मुख्यमंत्री श्री कमलनाथ के द्वारा जबलपुर सहित सम्पूर्ण महकौशल के सर्वागिंण विकास का एक बेहतर रोडमैप पेश किया गया था, जिसमे सर्वाधिक महत्वपूर्ण नर्मदा रिवर फ्रंट, टाइगर सफारी, मेट्रो-रेल सेवा को शुरू करने के साथ ही लगभग 3000 करोड़ रुपये की परियोजनाओं का भूमिपूजन और प्रस्ताव पेश किया गया था, किन्तु सत्ता परिवर्तन के बाद शिवराज सरकार का जबलपुर और महकौशल क्षेत्र के साथ उपेक्षापूर्ण रवैया एक बार फिर से देखने को मिला और राजनैतिक रूप से ग्रसित होकर उन महत्वपूर्ण परियोजनाओं को शुरू नही किया गया, जबकि सभी परियोजनाओं के लिए बजट में वित्तीय प्रावधान भी किया जा चुका था |
श्री भनोत ने कटाक्ष करते हुए लिखा कि भाजपा डबल-इंजिन सरकार में ऊतरोत्तर विकास होने का दावा करती है, लेकिन इस डबल-इंजिन सरकार की हकीकत बेहद खतरनाक है | केंद्र की मोदी सरकार को राज्यों की आर्थिक स्थिति से कोई लेना-देना नही है, यदि डबल-इंजिन सरकार के दावे मे थोड़ी भी सच्चाई होती तो आज मध्यप्रदेश देश के सर्वाधिक कर्जदार प्रदेशों की सूची में शामिल नही होता | वर्ष 2003 में कांग्रेस सरकार के दौरान प्रदेश पर कूल कर्ज 23 हजार करोड़ रुपये का था और आज प्रदेश सरकार द्वारा इससे अधिक राशि केवल कर्ज का ब्याज चुकाने में खर्च किया जा रहा है | आर्थिक रूप से मध्यप्रदेश देश का सर्वाधिक वीभत्स प्रदेश है और उसके बावजूद भी सरकार चेतने के बजाये लगातार कर्ज लेती जा रही है | उन्होंने बताया कि चुनावी साल में भाजपा खोखली विकास यात्रा निकाल रही है और इस यात्रा को लेकर प्रदेश में कई जगह भाजपा के जनप्रतिनिधियों, विधायकों, मंत्रियों और सांसदों को जनता के जबरदस्त विरोध का सामना करना पड़ रहा है | चुनावी साल में बजट के लिए मंत्रियों की दिल्ली दौड़ और केन्द्रीय मंत्रियों से लगातार किए जा रहे संपर्क यह बताती है कि भाजपा और शिवराज सरकार के डबल-इंजिन के हवा-हवाई दावों का नतीजा शून्य है |

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