भगवान के साथ सच्ची प्रीत से ज्ञान प्रगट होता है : श्री नृसिंह पीठाधीश्वर डॉ. स्वामी नरसिंह दास जी महाराज

जबलपुर दर्पण। जीव भगवान से मिलनी चाहे पर जब तक परमात्मा की कृपा नहीं होती तबतक संभव नही होता, भगवान ने गिरिराज गोबर्द्धन को उठाकर सातदिन तक धारण कर ब्रजजनों की रक्षा किया अत: हमारा आपका यह शरीर ही गोबर्धन है जिसे भगवान सातो दिन धारण किये रहते है सात दिन होते है रविवार से शनि तक गोबर्द्धन का अर्थ है- गो = इन्द्रियाँ, जहाँ बहुत रक्षित हों वहीतो गोबर्द्धन है। रासलीला का वर्णन करते हुए स्वामी जीने कहा इसका अर्थ = जहां आनन्द की सीमा न हो उसे रास कहते है। दुर्लभ मानव देहको पाकर भगवान की कथा के माध्यम से अपना यदि हमने कल्याण नहीं किया तो बाद मे पश्चात्ताप ही शेष रहे , श्रीकृष्ण रूक्मणी मंगल के प्रसंग की कथा में नरसिंह पीठाधीश्वर डॉक्टर स्वामी नरसिंह दास जी महाराज ने शहपुरा फुलर भीटा में श्रीमद्भागवत कथा पुराण में षष्ठम दिवस कहे । श्री कृष्ण रुकमणी विवाह मंगल के अवसर पर सुखराम सिंह, मुलायम सिंह, घनश्याम सिंह ,सत्यनारायण सिंह दशरथ सिंह , लवकुश सिंह ,कंवर सिंह ,सोने सिह, गिरीश नारायण सिंह, मुन्ना पाण्डेय, बृजेश सिंह, हर्षित सिंह ठाकुर, व्यास पीठ का पूजन अर्चन प्रमोद शुक्ला जनपद अध्यक्ष ने आचार्य रामफल शास्त्री ,आचार्य संजय शास्त्री, श्रीओम शास्त्री , हिमांशु शास्त्री, प्रवीण चतुर्वेदी के मार्गदर्शन में हुआ , श्रीमद्भागवत कथा पुराण में आस पास के गांव बड़ी संख्या में श्रद्धालु भक्त जनों की उपस्थिति रही ।