अतिथि शिक्षकों का मानदेय बना मजाक
जबलपुर दर्पण। मध्य प्रदेश जागरूक अधिकारी कर्मचारी संगठन के प्रांताध्यक्ष एवं जिलाध्यक्ष राॅबर्ट मार्टिन ने एक प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से बताया कि प्रदेश के अतिथि षिक्षकों का मानदेय मजाक बनकर रह गया है क्योंकि अतिथि शिक्षकों को चार पाँच माह से मानदेय नहीं मिला जिससे वे मान्सिक रूप से प्रताड़ित हैैं। देखा जाए तो पहले ही अतिथि षिक्षकों को न्यूनतम राशि मिलती है याने महिने में जितने दिन स्कूल लगता है सिर्फ उतने ही दिन की राषि उन्हे दी जाती है जो पहले ही जीवकोपार्जन चलाने के लिए पर्याप्त नहीं है। परंतु वे इस भरोसे पर कार्य करते आ रहे हैं की शायद कभी शासन-प्रषासन का इस ओर ध्यान जाएगा और उन्हे उनके इतने सालों की सेवा के बदले षिक्षा विभाग में नियमित किया जाएगा। परंतु हमेषा से ही सिर्फ और सिर्फ उन्हे आश्वासन ही मिलता रहा है परंतु नियमित नहीं किया गया। वहीं चार पाँच माह से उन्हे मानदेय नहीं मिला जिससे उनका जीवकोपार्जन दूभर हो गया है वहीं उनके साथ ही उन पर आश्रितों को भी इसका खामियाजा भुगतना पड़ रहा है जिससे अतिथि शिक्षकों में रोष व्याप्त है।
संघ ने आगे बताया कि शासन को इस ओर ध्यान देना चाहिए कि जो अतिथि शिक्षक शिक्षा विभाग के स्कूलों को अपने दम पर संभालकर रखते है क्योंकि ज्यादातर स्कूलों में विषयवार षिक्षकों की कमी को ये अतिथि षिक्षक ही पूरा करते है और शिक्षा विभाग में आ रही विषय वार शिक्षकों की कमी और समस्याओं को इन्ही अतिथि षिक्षकों के द्वारा ही पूरा किया जाता है, ऐसे में शिक्षा विभाग में बोर्ड परीक्षाओं का जो अच्छा रिजल्ट या परिणाम आता है उसमें अतिथि विद्यवानों का बहुत बड़ा सहयोग होता है अतः उन्हे ऐसी भीषण मंहगाई के दौर में शासन की ओर से जीवकोपार्जन हेतु उनके खातों में उनके रूके हुए मानदेय को अतिषीघ्र उनके खातों में पहुंचाया जाना चाहिए।
संघ के प्रांताध्यक्ष एवं जिलाध्यक्ष राॅबर्ट मार्टिन, उमेश सिंह ठाकुर, राकेष श्रीवास, रऊफ खान, हेमंत ठाकरे, दिनेष गौंड़, एनेास विक्टर, धनराज पिल्ले, गुडविन चाल्र्स, सुनील झारिया, क्रिस्टोफर नरोना , रिंकु पीटर, संतोष चैरसिया, अफरोज खान, विनोद सिंह, भागीरथ सिंह, त्रिलोक सिंह, अनूप सिन्हा, समर सिंह ठाकुर, रामकुमार कतिया, देवेन्द्र, शैलेष पंडिया, राजेष सहारिया, गोपीषाह, अजय मिश्रा, आषाराम झारिया, चैतन्य कुषरे, आषीष कोरी, शरीफ अंसारी, आषीष विष्वकर्मा, वसुमुद्दीन आदि ने आयुक्त राज्य षिक्षा केन्द्र से मांग की है कि अतिथि षिक्षकों का रूका हुआ मानदेय उनके खातों में अतिषीघ्र भेजा जाए।