समरसता कजलिया पर्व का होगा भव्य आयोजन
जबलपुर दर्पण। समरसता सेवा संगठन द्वारा सर्व समाज के प्रतिनिधियों की महत्वपूर्ण बैठक का आयोजन गोपाल सदन गोपालबाग में किया गया। बैठक में जबलपुर के 42 समाजो के प्रतिनिधियों ने भाग लिया बैठक में गत कार्यक्रमों की चर्चा और आगामी कार्यक्रमों की जानकारी देने के साथ ही कजलिया पर्व को समरसता भव्य रूप से मानने का निर्णय सर्वसम्मति से लिया गया।
बैठक में संगठन के सचिव उज्ज्वल पचौरी ने संगठन द्वारा सम्पन्न कार्यक्रमो एवँ आगामी कार्यक्रमों को पॉवर पॉइंट प्रजेंटेशन के माध्यम से विस्तार से बताया।समरसता सेवा संगठन के अध्यक्ष श्री संदीप जैन ने इस अवसर पर बैठक को संबोधित करते हुए कहा सर्व समाज के प्रतिनिधि आज बैठक में पधारे है और इससे प्रतीत होता है कि हम समरसता के उद्देश्य की ओर निश्चित रूप से आगे बढ़ रहे है।
उन्होंने कहा समरसता कोई नई बात नही है भारत की संस्कृति, जीवनशैली में समरसता रही है लेकिन कहीं न कहीं कालांतर में हम जाति समाज के भेदभाव में घिर गए और हमारे आराध्य, संत महात्माओं ने जो संदेश सर्व समाज को दिया उन्हें हमने जाति समाज मे ही सीमित कर दिया और ऐसे आराध्य और महापुरुषों को केवल उसी समाज के लोग उन्हें मानने लगे और उनके जयंती आदि के कार्यक्रम केवल सीमित लोगो के बीच मानने लगे किन्तु हमने विचार किया कि यदि समाज को एकजुट करना है और समरसता के भाव मे सभी को समाहित करने के उद्देश्य से हमने तय किया कि समरसता सेवा संगठन के द्वारा हमारे आदर्शो की जयंती के अवसर पर विचार गोष्ठी एवँ सम्मान समारोह का आयोजन करेंगे और इसकी शुभ कार्य के शुभारंभ के लिये हमने जगद्गुरु स्वामी रामभद्राचार्य जी महाराज सर आग्रह किया और प्रभु कृपा से महाराजजी ने जबलपुर आगमन की स्वीकृति दी और हम सभी ने श्रीराम का समर्थ और समरस भारत विषय पर उनका आशीर्वचन सुना। महाराजजी ने अपने आशीर्वचनों से हमारे कार्यक्रमों की शुरुआत की और उसके बाद हमने संगठन के माध्यम से विभिन्न जाति समाज के लोगो के बीच जाकर आराध्यों, संतो महापुरुषों की जयंती पर कार्यक्रम आयोजित किये जिसमें वक्ताओं द्वारा विचार गोष्ठी को संबोधित किया गया और समाज के प्रमुख जनो का सम्मान किया गया। इसके बाद ऎसे 24 आराध्य की जयंती आने वाले समय मे मनायेंगे।
श्री जैन ने कहा इन कार्यक्रमों के अलावा भी हम सनातनी परंपरा को आगे बढ़ाने के उद्देश्य से यदि कार्यक्रमों के माध्यम से लोगो को समरस करने का प्रयास किया जाए और हमारे पर्वो को मिलकर मनाया जाए।
ऐसे कुछ पर्वो में से एक पर्व है कजलिया पर्व जिसमे हम मिलकर मानते आए है और आप सभी के सुझावों से यदि हम जबलपुर में हम व्रहत रूप से इस हेतु आप सभी ने एकमत होकर कजलिया पर्व मानने का निर्णय लिया है तो निश्चित ही इसे भव्यता और धूमधाम से मनाया जाएगा।
बैठक में कार्यक्रम आगामी कार्यक्रम को लेकर महत्वपूर्ण सुझाव दिए गए जिनमे मोहन श्रीवास, चंदन चंसोरिया, उमेश साहू ओज, रामबाबु विश्वकर्मा, दुर्गादास प्रजापति, माधव पांडे, प्रदीप पटेल, सुरेखा केसरवानी, जागेश समुन्द्रे, वीरेंद्र केसरवानी, प्रवेंद्र सिंह चौहान, दिलीप सिंह ठाकुर, डॉ राकेश कुशवाहा, जगदीश चोहटेल, उमाशंकर पटेल, जगदीश ननहेट ने सुझाव दिए।
इस अवसर पर करतार सिंह बठिजा, पं अखिलेश त्रिपाठी, ठाकुर शैलेन्द्र सिंह, एनपी झारिया, शरतभाई पालन, गोविंद अग्रवाल, अनूप अग्रवाल, सनत जैन, अजय बख्तावर, तारू खत्री, सुरेश आसवानी, डॉ राजेश जायसवाल, राकेश गढ़वाल, मोहन कश्यप, शैलेश जैन, अनिल जैन गुड्डा, शिवहरि श्रीवास्तव, अनिल तिवारी, वीरेंद्र साहू, मुकेश साहू, उमेश साहू, नीलेश दमोरकर, बसन्त मोरे, ब्रजेश नामदेव, प्रमोद चौरसिया, राकेश शुक्ला, मुन्नालाल दुबे, प्रमोद ताम्रकार, दाऊ प्रसाद अहिरवार, कमलेश नाहटा, कंधीलाल जाटव के साथ सर्व समाज के प्रतिनिधि शामिल हुए।