जिला शिक्षा अधिकारी ने किया औचक निरीक्षण, स्कूलों में सुधार के निर्देश
जबलपुर दर्पण। जिले में शिक्षा की गुणवत्ता को सुधारने और विद्यालयों में अनुशासन सुनिश्चित करने के उद्देश्य से जिला शिक्षा अधिकारी (डीईओ) श्री घनश्याम सोनी ने शहर के विभिन्न स्कूलों का औचक निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान कई शिक्षकों और स्टाफ सदस्यों की लापरवाही सामने आई, जिसके लिए सख्त निर्देश दिए गए हैं।
निरीक्षण का विवरण
निरीक्षण में शामिल विद्यालयों में शासकीय कमला नेहरू कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय गाजीपुरा, शासकीय हाई स्कूल फूटाताल, शासकीय हाई स्कूल बेलबाग, और शासकीय उमावि घमापुर प्रमुख थे। निरीक्षण के दौरान निम्नलिखित अव्यवस्थाएं सामने आईं:
- शिक्षकों की अनुपस्थिति और विलंब:
- कमला नेहरू उमावि में तीन शिक्षक समय पर नहीं पहुंचे, और एक सहायक बिना सूचना के अनुपस्थित थे।
- फूटाताल स्कूल में कंप्यूटर ऑपरेटर अनुपस्थित था, और एक शिक्षिका देरी से आईं।
- बेलबाग हाई स्कूल में 15 में से केवल 9 शिक्षक उपस्थित पाए गए।
- घमापुर स्कूल में 17 शिक्षकों में से 14 उपस्थित रहे, लेकिन दो शिक्षिकाएं बिना स्वीकृत अवकाश के अनुपस्थित थीं।
- शैक्षिक कमियां:
- त्रैमासिक परीक्षा के परिणाम संतोषजनक नहीं थे।
- विद्यार्थियों की उपस्थिति कम पाई गई।
- पढ़ाई का स्तर अपेक्षित गुणवत्ता से कम था।
- कई विद्यालयों में छात्रों को उचित गृहकार्य नहीं दिया जा रहा था, और शिक्षण विधियां प्रभावी नहीं थीं।
- प्रशासनिक कमियां:
- शिक्षकों और प्राचार्यों की डेली डायरी अधूरी पाई गई।
- स्टूडेंट डेटा रजिस्टर नहीं मिले।
- परीक्षा कापियों का प्राचार्यों द्वारा अवलोकन नहीं किया गया था।
कार्रवाई और निर्देश
श्री घनश्याम सोनी ने निरीक्षण के दौरान सभी विद्यालयों के स्टाफ के साथ बैठक आयोजित की और पाई गई कमियों के समाधान के लिए सख्त निर्देश दिए। सभी विद्यालयों को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है, और समयसीमा के भीतर जवाब न देने पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की चेतावनी दी गई है।
उद्देश्य और अपील
जिला शिक्षा अधिकारी ने कहा, “विद्यालय शिक्षा का केंद्र हैं, और शिक्षकों की जिम्मेदारी है कि वे समय पर विद्यालय पहुंचें और शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार करें।” उन्होंने शिक्षकों और प्राचार्यों से बच्चों की शिक्षा और विद्यालय के संचालन में पूर्ण समर्पण दिखाने का आग्रह किया।
यह निरीक्षण शिक्षा के प्रति प्रशासन की गंभीरता को दर्शाता है और जिले में शैक्षिक गुणवत्ता में सुधार की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।