केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल 148 वाहिनी के मुख्यालय में मनाई गई विश्वकर्मा जयंती
हवन,पूजन, वाहन पूजन के साथ किया भंडारे का आयोजन
केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल 148 वाहिनी के मुख्यालय के कमान अधिकारी विक्रांत सारंगपाणी एवं द्वितीय कमान अधिकारी अमित मिश्रा, उप कमांडेंट मनोरंजन कुमार, सहायक कमांडेंट मनीष कुमार, चिकित्सा अधिकारी भाग्यलक्ष्मी एस के निर्देशानुसार भगवान विश्वकर्मा के प्राक्टय दिवस के अवसर पर सर्वप्रथम विश्वकर्मा जी की पूजा की गई तत्पश्चात हवन एवं प्रसाद वितरण हुआ। इसके बाद सभी अधिकारियों ने वाहनों की विधिवत पूजा की। ततपश्चात भंडारे का आयोजन किया गया जिसमें मंडला जिले के विशिष्ट नागरिकगण, कुछ मीडियाकर्मी एवं स्कूल के बच्चों ने भंडारे का प्रसाद ग्रहण किया।
विश्वकर्मा पूजा करने पर धार्मिक मान्यताएं-
कहा जाता है कि भगवान विश्वकर्मा देवताओं के शिल्पकार और वास्तुकार थे। उन्हें दुनिया का पहला इंजीनियर भी कहा जाता है। इस दिन उद्योग-फैक्ट्रियों की मशीनों समेत सभी तरह की मशीनों की पूजा की जाती है। भगवान विश्कर्मा ही ऐसे देवता हैं, जो हर काल में सृजन के देवता रहे हैं। सम्पूर्ण सृष्टि में जो भी चीजें सृजनात्मक हैं, जिनसे जीवन संचालित होता है वह सब भगवान विश्कर्मा की देन है। भगवान विश्कर्मा की पूजा कर उन्हें सृजन के लिए धन्यवाद दिया जाता है। भगवान विश्कर्मा की पूजा से व्यक्ति में नई ऊर्जा का संचार होता है और आने वाली सभी समस्याएं और रुकावटें दूर होती हैं। कहा जाता है कि विश्वकर्मा पूजा के दिन कल कारखानों में पूजा करने से कारोबार बढ़ता है और कभी आर्थिक परेशानी का सामना नहीं करना पड़ता।
इनका कहना है –
भगवान विश्वकर्मा की महिमा हर वह व्यक्ति जानता है जो कि कारोबार या बिजनेस से जुड़ा हुआ है। सनातन धर्म में भगवान विश्वकर्मा जी का खास स्थान है क्योंकि देवी-देवताओं के महलों का वास्तु और निर्माण इन्होंने ही किया था। धर्म शास्त्रों के अनुसार जब सृष्टि का निर्माण किया गया तो भगवान ब्रह्मा ने धरती की संरचना का कार्य भगवान विश्वकर्मा को दिया था, जो कि ब्रह्मा जी के सातवें पुत्र कहे जाते हैं। इसलिए भगवान विश्वकर्मा के प्राक्टय दिवस के दिन विश्वकर्मा पूजा की जाती है और हिंदू धर्म में इसका खास महत्व माना गया है।
पंडित जी
केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल 148वी वाहिनी के मुख्यालय में आज सभी ने मिलकर विश्वकर्मा पूजा की, हवन करने के बाद मशीनों, गाड़ियों की पूजा की गई। इसके बाद प्रसादी वितरण और भंडारे का आयोजन किया गया। सी आर पी एफ हर त्योहार को बहुत ही अच्छे से मनाती है उसी तरह सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण त्योहार हमारे लिए विश्वकर्मा पूजन है। आज के दिन हमारे वाहनों, हथियारों, मशीनरी की पूजा की जाती है ये हमारे सपोर्ट लाइन कहलाते हैं। इनके बिना सेना का कार्य सफल नही हो सकता। इसलिए विधि विधान से हम इनकी पूजा करते हैं।
विक्रांत सारंगपाणी 148वी वाहनी कमान अधिकारी