जबलपुर दर्पण। जबलपुर संस्कारधानी में गोरखपुर गुरुद्वारा से नगर प्रधान रजिंदर सिंह गुरदीप सिंह सुरिंदर होरा ने नगर कीर्तन की शुरुआत की गई जिसमे की मुख्य रूप से जबलपुर गुरुद्वारा मदन महल, गुरुद्वारा हाथी ताल, गुरुद्वारा, रांझी एवं खमरिया, गुरुद्वारा आदर्श नगर द्वारा एवं शहर के सभी अन्य गुरुद्वारा के प्रमुख लोगों बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया इस पर्व में सिख समाज के समस्त स्कूल के बच्चों एवं प्राचार्य अध्यापिकाओं ने भी बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया इस मौके पर नगर कीर्तन में तरह-तरह की बच्चों ने झांकियां दिखाई गई तरह-तरह के भजन कीर्तन किया गया
गुरू मानियो ग्रन्थ
गुरु नानक गुरुपर्व, जिसे गुरु नानक जयंती के रूप में भी जाना जाता है, पहले सिख गुरु और सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानक के जन्म का प्रतीक है यह शुभ अवसर, जिसे गुरु नानक के प्रकाश उत्सव के रूप में भी जाना जाता है, भक्तों के लिए उनकी शिक्षाओं के बारे में सोचने और निस्वार्थ सेवा के लिए अपना जीवन समर्पित किया गुरुपुरब शब्द दो शब्दों से मिलकर बना है: गुर, जिसका अर्थ है ‘गुरु’ या स्वामी और पूरब, जो हिंदी शब्द ‘पर्व’ से बना है, जो दिन को दर्शाता है. इसलिए यह गुरु से जुड़ा दिन है. इस साल हम गुरु नानक की 554वीं जयंती मना रहे हैं.गुरु नानक जयंती सोमवार, 27 नवंबर 2023 को मनाई जाएगी
गुरुपर्व का महत्व गुरु नानक गुरुपर्व पवित्र गुरु का सम्मान करने और उनकी शिक्षाओं को अपनाने के रूप में गहरा महत्व रखता है, जो फॉलोवर्स को उनकी शिक्षाएं सिखों के पवित्र ग्रंथ गुरु ग्रंथ साहिब में समाहित है।
गुरु नानक जयंती में विशेष महत्व है श्री गुरु नानक जी के इस प्रकाश पर्व उत्सव के नगर कीर्तन में जगह-जगह पर स्वागत किया गया इस मौके पर विशेष शास्त्री ब्रिज चौक पर मुख्य रूप से उपस्थित सुश्री मधु यादव (अर्जुन अवार्ड, पूर्व हॉकी कप्तान महिला इंडिया टीम), कैट प्रदेश सचिव दीपक सेठी, गोरखपुर गुरुद्वारा से प्रधान राजेंद्र सिंह छाबड़ा, गुरदीप सिंह सलूजा, कुणाल छाबड़ा, राजू दुआ,अमित सिंह सलूजा, खुशी, सोनिया, सुप्रिया छाबड़ा,मिली माखन, शैली दुआ,कनक अडनानी, स्वीटी, निशा अंबानी, प्रभजोत, सिल्की, डिंपी छाबड़ा, अन्य समाज एवं अनेक लोगों ने सिख समाज के साथ अन्य समाज ने भी बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। कहीं मनाया छठ पूजा तो कहीं निकल गई गुरु नानक देव जी की का नगर कीर्तन “आप सभी प्रदेश एवम देश वासियों के सभी मित्रों एवं साथियों तथा प्यारे बच्चों को सनातन संस्कृति और प्रकृति प्रेम पर आधारित पारंपरिक त्योहार छठ महापर्व के संध्याकालीन अर्घ्य के शुभ अवसर पर हमारी ओर से ढेर सारी शुभकामनाएं एवं अशेष बधाईयां।“
छठ पूजा पर गीत,,,,
कृपा करना अपार, हे छठी महारानी जी,
शरण आए तोहार, हे छठी महारानी जी,
सुनो हमरी पुकार, हे छठी महारानी जी,
कृपा करना अपार, हे छठी महारानी जी,
शरण आए तोहार………..
कण कण में गूंज रही, तेरी कहानी,
तेरे रूप हैं हज़ार, हे छठी महारानी जी,
साथ खड़ी तुम तो, नहीं है कोई परेशानी,
कृपा करना अपार, हे छठी महारानी जी,
शरण आए तोहार हमारो…
तुम चाहो तो नभ में सूरज निकले,
तुम चाहो तो, बादल बरसाए पानी।
निसंतान की भी गोद भर देती हो,
कृपा करना अपार, हे छठी महारानी जी,
शरण आए तोहार हमारो………….
संध्याकालीन अर्घ्य के इंतज़ार में हैं,
आज गंगा, यमुना, कमला महारानी जी,
सुबह से लोग सजा रहे, घाट किनारे,
बाजा, बारात तैयार, हे छठ महारानी जी,
शरण आए तोहार हमारो…