महापर्व छठी मैया का विशाल आयोजन तिलवारा घाट पर
जबलपुर दर्पण। यूपी बिहार एकता मंच तिलवारा घाट के तत्वाधान में समिति के अध्यक्ष मनोज कुमार सिंह महामंत्री रघु तिवारी कोषाध्यक्ष अमित पंडित जी के नेतृत्व में प्रत्येक वर्ष अनुसार इस वर्ष भी तिलवारा घाट में छठ महापौर का आयोजन किया गया जिसमें सभी श्रद्धालु जन ने बढ़-चढ़कर अपनी रुचि दिखाई एवं हिस्सा लिया तिलवारा घाट छठी माई के जयकारे से गूंज उठा तिलवारा घाट संगठन के महामंत्री रघु तिवारी ने यह जानकारी देते हुए बताया है कि एक छठ पूजा ही ऐसा महापर्व है जिसने उगते हुए सूरज एवं डूबते हुए सूरज को अर्घ्य दिया जाता है वैदिक पंचांग के अनुसार हर साल कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को छठ महापर्व मनाया जाता है, लेकिन इससे दो दिन पहले यानी चतुर्थी तिथि को नहाय-खाय के साथ छठ पूजा की शुरुआत हो जाती है। छठ का पहला अर्घ्य षष्ठी तिथि को दिया जाता है। यह अर्घ्य अस्ताचलगामी सूर्य को दिया जाता है। इस समय जल में दूध डालकर सूर्य की अंतिम किरण को अर्घ्य दिया जाता है। माना जाता है कि सूर्य की एक पत्नी का नाम प्रत्यूषा है और ये अर्घ्य उन्हीं को दिया जाता है। संध्या समय अर्घ्य देने से कुछ विशेष तरह के लाभ होते हैं। इससे नेत्र ज्योति बढ़ती है, लम्बी आयु मिलती है और आर्थिक सम्पन्नता आती है। इस समय का अर्घ्य विद्यार्थी भी दे सकते हैं। इससे उनको शिक्षा में भी लाभ होगा। इस बार छठ का पहला अर्घ्य आज (19 नवंबर को) दिया जाएगा। एवं दूसरा अर्घ्य (20 नवंबर) को सुबह सूर्य की पहली किरण को जबलपुर शहर के प्रथम नागरिक श्री जगत बहादुर सिंह जी के द्वारा समिति के निवेदन पर महापौर के द्वारा छठ की संपूर्ण व्यवस्था करवाई गई समिति के अध्यक्ष के द्वारा यह बताया गया कि छठी मैया के इस महापर्व पर जिस भी स्त्री एवं पुरुष के द्वारा छठी मैया का व्रत रखा गया है उसके लिए कल परण की व्यवस्था एवं उसके बाद विशाल भंडारे का आयोजन रखा गया है।