हितकारिणी वुमेंस कॉलेज ऑफ एजुकेशन में नेशनल वर्कशॉप का उद्घाटन
जबलपुर दर्पण। नवीन शिक्षा नीति के तहत प्रशिक्षित शिक्षकों को नवीन तकनीक का प्रयोग शैक्षणिक कार्य में किया जाना समय की मांग है जिससे विषयवस्तु को छात्र बेहतर तरीके से समझकर उसे प्रभावी बना सकें। उक्त बांतें हितकारिणी वुमेन्स कॉलेज ऑफ एजुकेशन में आयोजित इमरर्जिंग ट्रेंड्स इन स्कूल एजुकेशन सिस्टम विषय पर आयोजित दो दिवसीय नेशनल वर्कशॉप के उद्घाटन अवसर पर मुख्य अतिथि रादुविवि के रजिस्ट्रार डॉ दीपेश मिश्रा ने कहीं। विशिष्ट अतिथि शिक्षा विभाग के बोर्ड आफ स्टडीज की अध्यक्ष प्रो रैना तिवारी ने कहा कि शिक्षण में नयी तकनीकों के प्रयोगों पर ध्यान देने की जरूरत है। हितकारिणी सभा के सचिव बाबू विश्वमोहन ने कहा कि विभिन्न शैक्षणिक बोर्ड के सिलेबस के अनुसार शिक्षकों को रोचक और प्रगतिशील तरीके से अध्यापन कराने का प्रयास करना होगा, जिससे छात्रों में बेहतर समझ का विकास हो सके।
मेयो कॉलेज अजमेर की निशा सिंह ने माइंड मेटर और परसेप्शन एंड पर्सनैलिटी बियोंड वर्ड्स आर्ट ऑफ़ नॉनवर्बल कम्युनिकेशन पर बताया कि किस प्रकार हम अपनी पर्सनालिटी को इंप्रूव कर सकते हैं। तरुणा काबरा ने करिकुलम डेवलपमेंट इन फॉर्म फील्ड ऑफ़ डिसेबिलिटी तथा न्यू एजुकेशन पॉलिसी 2022 एवं आरपीडब्ल्यूडी एक्ट के माध्यम से समझाया कि किस प्रकार हम डिसेबल्ड चाइल्ड को इंप्रूव कर सकते हैं। तृप्ति पारीक ने स्टोरी टेलिंग इन इज द बेस्ट स्टडी इन टीचिंग लर्निंग प्रोसेस पर चर्चा करके बताया कि किस प्रकार रूचिपूर्ण तरीके से बच्चों को स्टोरी के माध्यम से उनके को ज्ञान बढ़ा सकते हैं।
इस अवसर पर हितकारिणी सभा के सभापति राजेश अग्रवाल, अध्यक्ष नित्यनिरंजन खंपरिया, सचिव बाबू विश्वमोहन, शिवदत्त मिश्रा, रादुविवि पत्रकारिता विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ धीरेंद्र पाठक, डॉ. एस.एन. श्रीवास्तव, प्राचार्य डॉ सुलक्षणा त्रिपाठी, उपप्राचार्य डॉ. तृप्ति श्रीवास्ताव, डॉ. निरुपमा पाठक, डॉ. अलका श्रीवास्तव, श्रीमती वर्षा दुबे, डॉ. रश्मि शुक्ला, श्रीमती जया सामदेकर, डॉ. निधि माथुर, आदि उपस्थित रहे। लाइब्रेरियन ज्योति शर्मा एवं कार्यालय कर्मचारी नितिन साहू, संतोष ठाकुर, शाश्वत गुप्ता, प्रेमलता चौबे, विजय दहायत, सुधा चौधरी आदि का योगदान रहा।