जबलपुर दर्पणमध्य प्रदेश

अतिथि शिक्षकों के हाल बेहाल,छःमाह से नहीं मिला वेतन

गेस्ट टीचरों को घर गृहस्ती चलाना हुआ-मुश्किल

जबलपुर दर्पण/पाटन। जिले में अतिथि शिक्षकों को छःमाह से वेतन नही मिलने से उनके हाल बेहाल है, प्राप्त जानकारी के अनुसार पिछली सरकार ने प्रदेश के अतिथि शिक्षकों का मानदेय दोगुने करने का वादा किया था लेकिन पिछले छः महीने से इन सभी शिक्षकों को अपना पुराना मेहनताना ही नसीब नहीं हुआ है जिसकी वजह से सभी शिक्षक आर्थिक तंगी से जूझ रहे हैं। अतिथि शिक्षकों ने बताया कि उनके वेतन भुगतान पर वित्त विभाग ने रोक लगाई है.मगर अतिथियों के वेतनमान पर ही क्यों रोक लगी है। जबकि जिले के स्कूलों में बच्चों को पढ़ाने का भार उन्हीं के कंधो पर है जबकि जिले के ग्रामीण इलाकों के स्कूलों की सच्चाई यही है की स्कूलों में पदस्थ रेगुलर शिक्षक समय पर स्कूल ही नहीं आते है और कुछ तो अपने राजनैतिक रसूख की बदौलत कई दिनों तक स्कूल ही नहीं जाते हैं। जो ईमानदारी से समय पर स्कूल पहुंचकर गरीब तबकों के बच्चों को शिक्षित करने का कार्य बड़े ईमानदारी से कर रहे है सरकार उन्हीं गेस्ट टीचरों के वेतन पर रोक लगा दी है। शिक्षा विभाग सभी को समय पर वेतन दे रहा है सिर्फ अतिथि शिक्षकों को नहीं दिया जा रहा है। आज से सातवा महीना शुरू हो गया है.लेकिन दूर-दूर तक वेतन मिलने की उम्मींद की किरण दिखाई नहीं दे रही हैं। मानदेय न मिलने से हम और हमारा परिवार किस कदर परेशान है ये हम ही जानते है।

जिला शिक्षा अधिकारी की कार्य शैली संदेह के घेरे में

बताया जा रहा है की जिले में पदस्य जिला शिक्षा अधिकारी घनश्याम सोनी लगभग 6 से 7 वर्षो से जिले में पदस्थ है इनके कार्यकाल में ग्रामीण इलाकों के कई सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले विद्यार्थियों की संख्या में लगातार कमी आई है। वही प्राइवेट स्कूलों पर इनकी मेहरबानी के चलते हर सत्र में विद्यार्थियों की संख्या में इजाफा हो रहा है। पाटन ब्लाक के अंतर्गत आने वाले कई ग्रामीण अंचल के स्कूलों में दो से चार विद्यार्थियों की संख्या है और दिलचस्प बात यह है की ऐसे स्कूलों में दो-दो शिक्षकों की नियुक्ति की गई है और जिन स्कूलों मे 100 के ऊपर विद्यार्थियों की संख्या है वहा पर भी दो शिक्षकों की तैनाती की गई है। वही सरकारी स्कूलों में शिक्षक समय पर स्कूल नहीं आते है। श्री सोनी के द्वारा कार्य के प्रति घोर लापरवाही बरती जा रही है जिसकी वजह से गरीब तबकों के बच्चों का भविष्य अंधकारमय होता दिखाई पड़ रहा है। वही जिले के अतिथि शिक्षकों को भी विगत छःमाह से मानदेय नहीं मिला जिसके लिए जिले के ज़िम्मेदार अधिकरी होने के नाते कोई ठोस प्रयास नहीं किए गए। ग्रामीणों का ऐसा मानना है की श्री सोनी को जिले से तत्काल हटाया जाए एवं जिले की कमान किसी योग अधिकारी को सौंपी जाए।

इनका कहना

जब गेस्ट टीचरों के वेतन के संबंध में ब्लाक शिक्षा अधिकारी से बात की गई तो उन्होंने बताया कि मेरे द्वारा अतिथि शिक्षकों के वेतन संबंधी फाइल को आगे बढ़ा दिया गया है संभवता इस हफ्ते गेस्ट टीचरों के मानदेय का भुगतान हो जाएगा।

अमर सिंह ठाकुर, ब्लाक शिक्षा अधिकारी पाटन

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